अभद्र आचरण के दोषी 11 प्रशिक्षु जजों की सेवा समाप्त
सरकार ने अभद्र आचरण के दोषी पाए गए 11 प्रशिक्षु जजों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने शनिवार को 11 जजों को बर्खास्त करने का शासनादेश जारी कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में जजों की बर्खास्तगी का उत्तर प्रदेश में यह पहला मामला है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 17 सितंबर को सरकार
लखनऊ। सरकार ने अभद्र आचरण के दोषी पाए गए 11 प्रशिक्षु जजों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार ने शनिवार को 11 जजों को बर्खास्त करने का शासनादेश जारी कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में जजों की बर्खास्तगी का उत्तर प्रदेश में यह पहला मामला है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 17 सितंबर को सरकार से प्रशिक्षु जजों को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी।
सरकार ने यूपी लोक सेवा आयोग और राज्यपाल राम नाईक से मंजूरी लेने बाद जजों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया। जजों के खिलाफ उत्तर प्रदेश न्यायिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (जेटीआरआइ) लखनऊ में प्रशिक्षण के दौरान फैजाबाद रोड स्थित एक रेस्तरां में शराब पीकर आपस में मारपीट करने का मामला सामने आया था। घटना सीसीटीवी में भी रिकॉर्ड हुई थी।
15 सितंबर को हुई हाई कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग में लखनऊ की इस घटना को बेहद गंभीर माना गया और कड़ा रुख अपनाते हुए इन न्यायिक अधिकारियों को सेवा से हटाने की संस्तुति की गई। वर्ष 2012 की पीसीएस-जे में चयनित इन अधिकारियों ने प्रशिक्षण अवधि समाप्त होने से एक दिन पहले पद की गरिमा के विपरीत आचरण कर डाला था।
यह था घटनाक्रम सात अगस्त, 2014 को उक्त न्यायिक अधिकारी एक रेस्तरां में गए थे जहां किसी बात पर दो गु्रपों में जमकर मारपीट हुई। आठ अगस्त को प्रशिक्षण पूरा होने जा रहा था। हंगामे की शिकायत सही पाए जाने पर 15 सितंबर को हाई कोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने उन्हें बर्खास्त करने का निर्णय किया था।
इनकी सेवाएं हुईं समाप्त
आशुतोष त्रिपाठी (आजमगढ़), अखिलेश शर्मा (आजमगढ़), आसाराम पांडेय (महराजगंज), अश्रि्वनी पवार (लखीमपुर खीरी), विनीत कुमार (पीलीभीत), सुधीर मिश्र, (फैजाबाद), संदीप सिंह (कन्नौज), रवि कुमार सागर (गाजीपुर), राहुल सिंह (फिरोजाबाद), क्षितिज पांडेय (फतेहपुर), भानुप्रताप सिंह (बहराइच)।