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सप्ताह भर चलेगा मोदी सरकार के सौ दिन पूरे होने का 'जश्न'

केंद्र में सरकार गठन के सौ दिन पूरे करने जा रही मोदी सरकार का अनौपचारिक 'जश्न' एक सप्ताह तक मनाया जाएगा। यह जश्न उपलब्धियों का होगा। सभी मंत्रलयों से कहा गया है कि वह पहली सितंबर तक अपनी अपनी उपलब्धियों की सूची पीएमओ को सौंप दें। सौ दिन पूरे होने पर बुधवार को पहली प्रेसवार्ता संभवत: वित्तमंत्री अरुण जेटली करेंगे।

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 09:55 AM (IST)
सप्ताह भर चलेगा मोदी सरकार के सौ दिन पूरे होने का 'जश्न'

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र में सरकार गठन के सौ दिन पूरे करने जा रही मोदी सरकार का अनौपचारिक 'जश्न' एक सप्ताह तक मनाया जाएगा। यह जश्न उपलब्धियों का होगा। सभी मंत्रलयों से कहा गया है कि वह पहली सितंबर तक अपनी अपनी उपलब्धियों की सूची पीएमओ को सौंप दें। सौ दिन पूरे होने पर बुधवार को पहली प्रेसवार्ता संभवत: वित्तमंत्री अरुण जेटली करेंगे।

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16 मई को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को सरकार गठन का जनादेश मिल गया था। 26 मई को उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इस लिहाज से तीन सितंबर को सरकार अपने सौ दिन पूरे कर लेगी। इस बीच भ्रष्टाचार से लड़ाई, काले धन के खिलाफ कार्रवाई, न्यायपालिका में नियुक्ति में सफाई समेत जनता से सीधे तौर पर जुड़े कई मुद्दों पर सरकार ने व्यापक कदम उठाकर वाहवाही ली तो दो-तीन ऐसे मौके भी आए, जब थोड़ी असहज स्थिति दिखी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ प्रचार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर जासूसी के उपकरण, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा ने सरकार को थोड़ा असहज किया। हालांकि, सरकार ने इन मुद्दों को सक्रियता से खारिज करने में भी समय नहीं लगाया।

अब तैयारी सौ दिन पूरे होने की हो रही है। बताते हैं कि मंत्रालयों को स्पष्ट निर्देश है कि जनता से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दें। सभी रिपोर्ट पीएमओ तक पहली सितंबर को पहुंचनी है। उसके बाद लगातार एक सप्ताह तक अलग-अलग मंत्री या मंत्रालय सरकार की उपलब्धियों का रिपोर्ट रखेंगे। हालांकि, पीएमओ की तरफ से भी सरकार के सौ दिन के कामकाज का एक ब्योरा पेश होने की संभावना है। वित्त मंत्री के अलावा वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क व राजमार्ग और ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी और संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने अपने मंत्रालय के कामकाज का ब्योरा सामने रख सकते हैं।

अटल, आडवाणी, जोशी हमारे मार्गदर्शक

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के संस्थापकों अटल बिहारी वाजपेयी, एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को संसदीय बोर्ड से बाहर कर दरकिनार किए जाने की खबरों को खारिज किया है। उनका कहना है कि वे पार्टी के लिए 'मार्गदर्शक और दार्शनिक' हैं। चौहान मध्य प्रदेश में अक्टूबर में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए निवेशकों को आकर्षित करने यहां आए हैं। एक दिन पहले ही आडवाणी, अटल और जोशी को भाजपा के संसदीय बोर्ड से अलग कर दिया गया। हालांकि, शिष्टाचार के नाते उनके नामों को पांच सदस्यीय 'मार्गदर्शक मंडल' में शामिल किया गया है।

चौहान ने कहा, 'पार्टी बनाने में पूरी जिंदगी लगा देने वाले ये दिग्गज हमारे मार्गदर्शक और दार्शनिक बने रहेंगे। भविष्य में भी सरकार और संगठन को उनके सुझाव की दरकार रहेगी।' मंत्रिमंडल में भ्रष्ट मंत्रियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर चौहान ने कहा कि इस मसले पर हमारा रुख शुरू से स्पष्ट है।

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