'गुरु मोदी' की पाठशाला की उन 10 खास बातों पर आप भी करें गौर
शिक्षक दिवस के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए और उन्होंने अपने संबोधन के बाद बड़ी सहज और सरल तरीके से छात्रों के प्रश्नों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कई खास बातें कहीं। आइये जानते हैं 10 प्रमुख बातें- 1. डिग्री के साथ हुनर जरूरी रोजगार की समस्या को दूर करने
नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए और उन्होंने अपने संबोधन के बाद बड़ी सहज और सरल तरीके से छात्रों के प्रश्नों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कई खास बातें कहीं। आइये जानते हैं 10 प्रमुख बातें-
1. डिग्री के साथ हुनर जरूरी
रोजगार की समस्या को दूर करने के उपाय से संबंधित सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पास डिग्री के साथ-साथ हुनर का होना जरूरी है। बहुत से बच्चे कई वजहों से सातवीं, दसवीं, बारहवीं तक पढ़ाई कर पाते हैं। अगर उन्हें हुनर सिखाया जाए तो बेरोजगारी की समस्या दूर हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब आणंद में नेनो कार प्लांट लगाने की तैयारी चल रही थी। मैंने प्रबंधन से आसपास के क्षेत्रों के बच्चों के लिए आइटीआइ में ऑटोमोबाइल का कोर्स शुरू करने को कहा और जब तक प्लांट तैयार हुआ कई बच्चे कार निर्माण के हुनर में माहिर हो गए। उन्हें उसी प्लांट में रोजगार मिल गया। मोदी ने कहा कि यदि हमारे बच्चे हुनरमंद होंगे तो देश की अर्थव्यस्था अपने आप सुधर जाएगी।
2. हर स्कूल में लड़कियों के टॉयलेट
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्कूलों में ड्रॉपआउट कम करने के लिए हर स्कूल में लड़के व लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट होना जरूरी है। हम अक्सर देखते हैं कि पांचवीं, सातवीं कक्षा तक बच्चियां पढ़ते-पढ़ते स्कूल छोड़ देती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह होती है स्कूल में उनके लिए अलग टॉयलेट का अभाव। इसके लिए गंभीर प्रयास शुरू किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने लड़कियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि एक बालक के पढ़ने से एक व्यक्ति शिक्षित होता है जबकि एक बालिका के शिक्षित होने से दो परिवार (मायका व ससुराल) शिक्षित होते हैं।
3. स्कूलों में साफ-सफाई पर जोर
मोदी ने साफ-सफाई के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूलों में इसका खास ख्याल रखा जाना चाहिए। और इसके लिए छात्र और शिक्षक मिलकर काम करें।
4. बिजली बचाकर देशसेवा
मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनकर देशसेवा कर सकते हैं बल्कि छोटे-छोटे उपायों से भी हम देशसेवा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली बचाना भी देशसेवा से कम नहीं है। बच्चे घर में अपने माता-पिता से बिजली बिल को कैसे कम किया जाए इस पर जरूर चर्चा करें। हम अनावश्यक चल रहे पंखे, बल्ब को तुरंत बंद करें। कम से कम से पूर्णिमा के दिन चांदनी रात में दो घंटे घर की बिजली बंद कर बड़ा योगदान दे सकते हैं। इससे पर्यावरण को बचाने में भी मदद मिलेगी।
5. पर्यावरण संरक्षण पर जोर
मोदी ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की सीख देते हुए कहा कि मौसम नहीं बदला है, बल्कि हमारी आदतें बदल गई हैं। इसे ठीक करना होगा। हमें प्रकृति से प्रेम करना सीखना होगा। पहले मां हमें बताया करती थी कि चांद हमारे मामा, सूरज हमारे दादा, नदियां हमारी मां हैं लेकिन आज वह शिक्षा बच्चों को नहीं मिल रही है। हमें फिर से उस ओर लौटना होगा।
6. डिजिटल इंडिया का सपना
मोदी ने छात्रों से कहा कि हमारा सपना डिजिटल इंडिया का है। आज सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में छात्रों को तकनीक से दूर रखना गुनाह है। हमारे युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं। बस इन्हें रास्ता दिखाने की जरूरत है।
7. किताबें पढ़ने की आदत डालें
मोदी ने बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत डालने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बच्चे वैसे सफल लोगों की जीवनी पढ़ें जिन्होंने देश और समाज के लिए कुछ बड़ा किया है। उन्होंने कहा कि आजकल हर काम गूगल गुरु द्वारा होता है, लेकिन इससे जानकारी मिलती है ज्ञान नहीं।
8. शिक्षक-छात्र के बीच हो आजीवन संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों और शिक्षकों के गहरे संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि दोनों पढ़ने और पढ़ाने के बाद एक-दूसरे को भूल जाते हैं। मोदी ने कहा कि शिक्षक-छात्र के बीच का संबंध आजीवन रहना चाहिए। छात्र समय-समय पर अपने शिक्षक से अवश्य मार्गदर्शन लेते रहें।
9. सपना कुछ करने का हो
मोदी ने कहा कि हमारा सपना कुछ बनने का नहीं, बल्कि कुछ करने का होना चाहिए। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं प्रधानमंत्री बनूंगा। लेकिन देश के लिए कुछ करने की आकांक्षा जरूर थी। एक राजनेता ही नहीं, एक अच्छा छात्र बनकर भी देशसेवा की जा सकती है। एक बच्चे के प्रश्न के जवाब में कि प्रधानमंत्री बनने के लिए क्या जरूरी है, मोदी ने हंसते हुए बच्चे से कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो। यदि तुम प्रधानमंत्री बने तो अपने शपथ ग्रहण मुझे जरूर बुलाना।
10. अंदर के बचपन को जिंदा रखें
प्रधानमंत्री ने अपने अंदर बचपन को बचाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि हम अपने भीतर के बालक को जिंदा रखें ताकि हंसते-खेलते हर बाधाओं को पार पाने में सक्षम हों। जैसे एक बालक गिरने से न डरकर चलने का प्रयास करता रहता है, उसी तरह हमें भी ऐसी सोच कायम रखने की जरूरत है।
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