भारत की पहली बुलेट ट्रेन से जुड़ी वो 10 बातें, जो आप जरूर जानना चाहेंगे
बुलेट ट्रेन का सपना साकार होने जा रहे हैं, आइए आपको बताते हैं कि क्या है इससे जुड़ी खास बातें जिनको जानने के लिए आप भी होंगे उत्सुक
नई दिल्ली, जेएनएन। देश में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पीएम शिंजो एबी के साथ मिलकर बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास कर दिया है। अब भारत को अगले पांच सालों में अपना पहला बुलेट ट्रेन मिल जाएगा। इसको लेकर लोगों के मन तमाम उत्सुकताएं हैं। तो चलिए कुछ खास विशेषताओं पर एक नजर डालते हैं-
- सरकार ने कहा है कि 15 अगस्त 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा।
- पांच साल में 1,10,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सालाना खर्च 20,000 करोड़ रुपए पड़ेगा।
- जापान 88,000 करोड़ रुपए कर्ज 0.1% की ब्याज दर से दे रहा है। पूरा कर्ज 50 सालों में लौटाना है।
- अहमदाबाद से मुंबई तक 508 किमी का सफर सिर्फ तीन घंटे में तय होगा। अभी सात से आठ घंटे का समय लगता है।
- पहला स्टेशन साबरमती होगा, जिसके बाद बुलेट ट्रेन अहमदाबाद, आणंद/ नादिया, वडोदरा, भरच, सूरत, बिलीमोरा, वापी, वोइसर, विरार और ठाणे स्टेशन होते हुए मुंबई पहुंचेगी।
- पूरे ट्रैक का 96 फीसदी हिस्सा यानी 468 किमी एलिवेटिड होगा। छह फीसदी यानी 27 किमी मार्ग सुरंग में होगा। वहीं दो फीसदी यानी 12 किमी मार्ग जमीन पर होगा।
- बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
- शुरुआती दौर में 10 डिब्बे होंगे। इनमें 750 यात्री बैठ सकेंगे।
- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। 20 हजार लोगों को बुलेट ट्रेन की वजह से निर्माण क्षेत्र में 4 हजार ऑपरेशन में और 20 हजार अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा पूरे रूट में शहरी औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
- बताया जा रहा है कि किराया 2,700 से 3,000 रुपए तक हो सकता है। फ्लाइट का किराया इससे महंगा है।
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