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मोदी की स्वीकार्यता के साथ भाजपा की लहर : जेटली

भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अरुण जेटली, जो देश की राजनीति में लगभग चार दशक से सक्रिय हैं, राष्ट्रीय हों या अंतरराष्ट्रीय मसले, सभी पर उनके विचार, उनकी सोच अहमियत रखती है। लंबा कद, सफेद कुर्ता-पायजामा और जैकेट, भाजपा का यह सभ्य, शालीन और सहज चेहरे वाला पंजाबी पंजाब की अमृतसर सीट से चुनाव मैदान में

By Edited By: Published: Thu, 24 Apr 2014 12:54 AM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 12:55 AM (IST)
मोदी की स्वीकार्यता के साथ भाजपा की लहर : जेटली

अमृतसर। भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अरुण जेटली, जो देश की राजनीति में लगभग चार दशक से सक्रिय हैं, राष्ट्रीय हों या अंतरराष्ट्रीय मसले, सभी पर उनके विचार, उनकी सोच अहमियत रखती है। लंबा कद, सफेद कुर्ता-पायजामा और जैकेट, भाजपा का यह सभ्य, शालीन और सहज चेहरे वाला पंजाबी पंजाब की अमृतसर सीट से चुनाव मैदान में है। पंथक राजनीति का गढ़ रहे इस क्षेत्र में छह दशक में बहुत बदलाव आया है। राजनीति के बदलते मिजाज के बीच जेटली इस बार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पहली बार आमने-सामने हुए हैं।

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राष्ट्रीय स्तर का यह नेता प्रदेश के इस ऐतिहासिक शहर में देश और प्रदेश की राजनीति में क्या विजन रखते हैं। दोपहर के समय लंबे रोड शो के बाद जेटली कुछ देर आराम करने के लिए घर पहुंचे। पंजाब और हरियाणा की संपादक मीनाक्षी शर्मा इस अवसर पर उनसे रूबरू हुईं। बहुत छोटे मगर सीधे और सटीक जवाब जेटली ने दिए।

-लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत से चुनाव देखे, आपको क्या फर्क लगता है इस बार के चुनाव में?

ये ऐसा चुनाव है, जिसके नतीजे पहले से तय हैं। 1984 के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव के नतीजे चुनाव से पहले तय हैं। जनता रोष से भरी है। सत्ताविरोधी लहर कांग्रेस का हश्र तय करेगी।

-क्या मोदी की लहर है या भाजपा की?

मोदी की स्वीकार्यता के साथ भाजपा की लहर है।

-लगभग आधा चुनाव गुजर गया, आधा बचा है। ऐसे में राजग और भाजपा अपने आप को कहां देखते हैं, कितनी सीटों पर?

भाजपा व उसके सहयोगी दल बहुमत के आसपास पहुंच जाएंगे और जैसा देश का माहौल है, उसमें तो राजग 272 के पार आसानी से पहुंचेगी। कांग्रेस पार्टी 100 से कम सीटों पर सिमट जाएगी।

-सोनिया और राहुल गांधी अपने भाषण में मोदी पर अडानी को सस्ती जमीन देने का आरोप लगा रहे हैं?

भाजपा औद्योगिक विकास की पक्षधर है। भाजपा औद्योगिक नीति बनाती है, जिसके अंतर्गत ही उद्योगपतियों को जमीन दी जाती है। जो आरोप लगा रहे हैं, वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में केस हार चुके हैं। निराधार बात का कोई वजूद नहीं होता।

-सत्ता में आने पर राजग की तीन प्राथमिकताएं?

1. भ्रष्टाचार और महंगाई से देश को मुक्ति।

2. देश का समान व समग्र विकास।

3. राष्ट्रीय अस्मिता को बचाना।

-सोशल मीडिया पर बहस है जिसमें दिग्विजय सिंह कहते हैं कि क्यों नहीं वाड्रा पर जेटली एफआइआर दर्ज कराते?

यह भी होगा! 16 मई को आने दो। अभी तो कांग्रेस पार्टी ने जांच एजेंसियों को इन मामलों पर रोका हुआ है। 16 मई के बाद कानून स्वतंत्र होकर अपना काम करेगा।

-आपके सामने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर हैं। क्या उनके आने से चुनाव कठिन हुआ है?

चुनाव में चुनौती तो होती है। चुनौती प्रतिद्वंद्वी की नहीं बल्कि जनता की अपेक्षाओं की है और मुझे उम्मीद है कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरुंगा।

-कैप्टन अमरिंदर ने जगदीश टाइटलर को क्लीनचिट दे दी है। आप क्या कहेंगे?

मुझे तो यही लगता है कि कैप्टन का असली चेहरा सामने आ गया है। ऐसा कहकर न केवल कैप्टन ने हजारों दंगा पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़का है बल्कि टाइटलर के केस को कमजोर भी बनाया है।

-कितना वाजिब है चुनाव में अभद्र और व्यक्तिगत कटाक्ष करना?

मेरी न यह भाषा है, न मैं इस तरह के अभद्र शब्द प्रयोग करता हूं। हो सकता है कैप्टन को इस तरह बोलने में दबंगई लगती है लेकिन यह उनकी गलतफहमी है। दबंगई तो काम की होती है।

-आपकी सहयोगी पार्टी अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि जेटली यदि पंजाब से जीतते हैं तो पंजाब के समग्र विकास का रास्ता खुलेगा।

अगर पंजाब दिल्ली में हैवीवेट राजनेता चुनकर भेजता है तो कोई शक नहीं कि दिल्ली की सरकार में निर्णय लेने वाला और पंजाब का प्रतिनिधित्व करने वाला एक सशक्त नेता होगा।

-पंजाब कृषि व उद्योग के पैकेज के लिए लंबे अरसे से केंद्र की नजर-ए-इनायत चाहता है। आपकी राजग सरकार पंजाब की इन प्राथमिकताओं पर कितना गौर करेगी?

राजग सरकार पंजाब को पूरा सहयोग देगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के माध्यम से पंजाब के गांवों का चहुंमुखी विकास होगा।

-आप राष्ट्रीय नेता हैं मगर चुनाव अमृतसर से ही क्यों?

चूंकि मैं पंजाबी भाषी हूं इसलिए पार्टी ने तय किया कि मैं यहां से ही चुनाव लड़ूं। यहां मेरी जडें़ हैं और मैं अपनी जड़ों से हमेशा जुड़ा रहा हूं। मेरी राजनीतिक गतिविधियां भी अमृतसर में अधिक रही हैं।

-इस क्षेत्र में अब आपके सामने प्रदेश व स्थानीय मुद्दे हैं, चुनौतियां हैं। क्या कहेंगे इस पर?

भाजपा व अकाली दल का चुनाव प्रचार मजबूती से आगे बढ़ रहा है। लोग मुझे चाह रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में कुछ सवाल खड़े हैं, प्रत्याशी के रूप में मेरा ध्यान भी है और उन्हें ठीक भी करूंगा।

-क्या ऐतिहासिक व गुरुनगरी अमृतसर का प्रारूप ऐसा ही होना चाहिए?

नहीं, अमृतसर को बुनियादी ढांचे की जरूरत है। हमारी प्राथमिकताएं भी बुनियादी ढांचे के विकास की होंगी। पर्यटन की भी यहां बड़ी संभावनाएं हैं, इसे बढ़ाना होगा।

-मात्र एक सप्ताह बचा है चुनाव में, कहां पाते हैं आप खुद को?

अकाली-भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह भी है और खूब मेहनत से लगे हुए हैं। जनता का स्नेह भी साथ है और मैं एक सकारात्मक माहौल को देख रहा हूं। देश अब बदलाव चाहता है। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि यह बदलाव राजग के लिए सुखद ही रहेगा।

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