जोशी का कद बता गए मोदी, दूसरे दलों के भी हौसले हो गए पस्त
वैसे तो विरोधी भी पार्टी में डॉ. मुरली मनोहर जोशी के कद से बखूबी वाकिफ थे, लेकिन शुक्रवार को चुनावी रैली के मंच से नरेंद्र मोदी ने उन्हें जो सम्मान दिया, यह देखकर विरोधी हक्के-बक्के रह गए। शायद मोदी यह संदेश देना चाहते थे कि जोशी के चुनाव में भितरघात करने वालों को बाहर का रास्ता
कानपुर, [शरद त्रिपाठी]। वैसे तो विरोधी भी पार्टी में डॉ. मुरली मनोहर जोशी के कद से बखूबी वाकिफ थे, लेकिन शुक्रवार को चुनावी रैली के मंच से नरेंद्र मोदी ने उन्हें जो सम्मान दिया, यह देखकर विरोधी हक्के-बक्के रह गए। शायद मोदी यह संदेश देना चाहते थे कि जोशी के चुनाव में भितरघात करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
नरेंद्र मोदी के कुछ देर के आचरण ने विरोधियों के ही नहीं बल्कि दूसरे दलों के हौसले भी पस्त कर दिए। शुक्रवार की सभा में नरेंद्र मोदी ने मंच पर पहुंचते ही डॉ.जोशी के पैर छुए तो जोशी ने भी उनकी पीठ पर स्नेहिल हाथ रखकर जता दिया की आपसी संबंधों को लेकर पूर्व में हुई सारी चर्चाएं निर्मूल हैं। कुछ क्षणों की इस मिलन ने कानपुर में अंदरूनी कलह की शिकार भारतीय जनता पार्टी के लिए संजीवनी का काम किया। अब जहां विरोधी सन्नाटे में आ गए हैं वहीं डॉ. जोशी काफी उत्साहित हैं। इसी का परिणाम था कि उन्होंने शनिवार को अपेक्षाकृत ज्यादा कार्यक्रमों में भाग लिया और अपने लिए समर्थन जुटाया। उल्लेखनीय है कि जोशी के कानपुर का प्रत्याशी बनने के बाद से लगातार किसी न किसी घटना में पार्टी का अंतर्विरोध सामने आ रहा था।