तेदेपा-भाजपा गठबंधन खतरे में
आंध्र प्रदेश में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से कमजोर उम्मीदवारों को उतारने से तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के साथ उसका गठबंधन खतरे में पड़ गया है। नाराज तेदेपा ने गठबंधन के तहत भाजपा को आवंटित कम से कम तीन सीटों से अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। तेदेपा के नेताओं ने भाजपा कोटे की मदनपल्ले, संतानुतलपाडु और राजामुंदरी सिटी सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है।
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से कमजोर उम्मीदवारों को उतारने से तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के साथ उसका गठबंधन खतरे में पड़ गया है। नाराज तेदेपा ने गठबंधन के तहत भाजपा को आवंटित कम से कम तीन सीटों से अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। तेदेपा के नेताओं ने भाजपा कोटे की मदनपल्ले, संतानुतलपाडु और राजामुंदरी सिटी सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है।
आंध्र प्रदेश मामलों के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर गठबंधन बचाने के लिए तेदेपा नेताओं से बातचीत के लिए हैदराबाद पहुंच चुके हैं।
भाजपा कोटे से कमजोर उम्मीदवार उतारने से नाराज तेदेपा ने कहा है कि इस कदम से गठबंधन को केवल नुकसान पहुंचेगा। उसके नेताओं का कहना है कि भाजपा के कमजोर उम्मीदवारों के कारण तेदेपा की जीत की संभावना पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बताया जाता है कि तेदेपा अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू इस समस्या के समाधान के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में है।
सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच तनाव की वजह तेलंगाना क्षेत्र में नायडू का प्रचार अभियान भी है। नायडू इस क्षेत्र में मोदी के साथ मंच साझा करना चाहते हैं। भाजपा भविष्य के समीकरण को ध्यान में रखते हुए इससे परहेज कर रही है।
तेदेपा प्रमुख को पूर्व केंद्रीय मंत्री और अपनी साली डी पुरंदेश्वरी को राजमपेट संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाना भी नहीं भाया है। नायडू उद्योगपति से नेता बने अपने दोस्त पी कृष्णम राजू को नर्सापुर से भाजपा का टिकट नहीं देने की वजह से भी नाराज हैं।
दूसरी ओर भाजपा के सीमांध्र के नेता भी तेदेपा के रवैये से नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश की सभी 25 लोकसभा और 70 विधानसभा सीटों ने नामांकन दाखिल करने की धमकी दी है। बुधवार देर रात अपनी पार्टी के नेताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदवारों को भाजपा उतार रही है वे वार्ड सदस्य का भी चुनाव जितने में सक्षम नहीं हैं। वे विधानसभा की सीट कैसे जितेंगे? यह केवल हमारे गठबंधन के लिए नुकसानदायक होगा।
नायडू ने इच्चापुरम, राजामुंदरी (शहरी), कैकालूरु और गुंताकाल विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के चयन पर नाखुशी जताई है। सूत्रों का कहना है कि तेदेपा के अंदर बढ़ती नाराजगी से चंद्रबाबू भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन पर अपनी पार्टी के नेताओं संग एक बार फिर से चर्चा करेंगे।
ज्ञातव्य है कि भाजपा और तेदेपा में चली लंबी बातचीत के बाद तेदेपा ने भाजपा के लिए तेलंगाना में आठ लोकसभा की और 47 विधानसभा की सीटें छोड़ी थी जबकि सीमांध्र में पांच लोकसभा और 15 विधानसभा सीटें भाजपा के हिस्से आई थीं। भाजपा ने बुधवार को चार लोकसभा और 14 विधानसभा की सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की।
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