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रोड शो के बाद केजरीवाल ने किया नामांकन

बनारस के सियासी पारे की तपिश बुधवार को कुछ और बढ़ गई। तपा देने वाली गर्मी के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यहां से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। लहुराबीर से लेकर मिंट हाउस तक आप समर्थकों की भीड़ के बीच न कहीं कोई भाजपाई नजर आया और न कोई विरोध करने वाला।

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 24 Apr 2014 12:20 AM (IST)
रोड शो के बाद केजरीवाल ने किया नामांकन

वाराणसी [जागरण संवाददाता]। बनारस के सियासी पारे की तपिश बुधवार को कुछ और बढ़ गई। तपा देने वाली गर्मी के बीच आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यहां से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। लहुराबीर से लेकर मिंट हाउस तक आप समर्थकों की भीड़ के बीच न कहीं कोई भाजपाई नजर आया और न कोई विरोध करने वाला। हालांकि मिंट हाउस के आगे बैरियर पार करने के बाद जब केजरीवाल अपने कुछ प्रस्तावकों के साथ कचहरी पहुंचे तो वहां उन्हें भाजपा समर्थक वकीलों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस हस्तक्षेप के बाद केजरीवाल कचहरी में प्रवेश कर पाए।

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इससे पूर्व सुबह करीब पौने ग्यारह बजे अरविंद केजरीवाल अपने अस्थाई आवास कबीरनगर से माता-पिता के साथ मलदहिया चौराहे पहुंचे, वहां सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और करीब सवा ग्यारह बजे लहुराबीर पहुंचे। वहां जुटे समर्थकों में अल्पसंख्यक वर्ग से जुड़े लोगों की संख्या ज्यादा थी, इनमें से कुछ बाहर से आए लोग भी थे। इन सबके बीच हाथ उठाते हुए अरविंद ने मोदी पर निशाना साधा कि वो हेलीकाप्टर से आएंगे जबकि आज आम आदमी रोज की तरह पैदल ही जाएगा।

मोदी उसी बीएचयू में उतरेंगे, जिसे बनाने वाले मालवीय जी ने उस संस्था को राजनीति से दूर रखने की गुजारिश की थी। इस दौरान उन्होंने गंगा व काशी की गंदगी, बुनकरों के दर्द व सड़कों की स्थिति बताकर लोगों को जोड़ने की कोशिश की। इस संक्षिप्त संबोधन के बाद खुली जीप में सवार होकर जुलूस के साथ केजरीवाल कचहरी की ओर चल दिए। केजरीवाल पर घरों से फूलों की वर्षा भी की जा रही थी।

मिंट हाउस बैरियर पर जुलूस को विराम मिला और अपने प्रस्तावकों के साथ केजरीवाल कचहरी की ओर रवाना हो गए। जुलूस में उनके साथ मनीष सिसौदिया समेत कई आप नेता मौजूद थे।

पांच माह में साढ़े तीन लाख रुपये बढ़े

आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अब कोई सरकारी देनदारी नहीं है। सिर्फ पांच माह में ही उनकी हैसियत करीब साढ़े तीन लाख रुपये बढ़ गई है। इतना ही नहीं, 23 हजार 500 रुपये की सरकारी देनदारी से भी निजात मिल गई। पति पत्‍‌नी के पास एक करोड़ 92 लाख की चल अचल सम्पत्ति है।

वाराणसी संसदीय सीट से बुधवार को दो सेट में दाखिल शपथपत्र में इन बातों का उल्लेख है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान 15 नवंबर 2013 को अरविंद केजरीवाल द्वारा दाखिल शपथ पत्र का अवलोकन करने पर ये बातें सामने आईं। पहले के हलफनामे में खुद के हाथ में नकदी पांच हजार तथा पत्नी संगीता के हाथ में दस हजार होना दर्शाया गया था। जबकि वाराणसी संसदीय सीट से दाखिल हलफनामे में खुद के पास 15 हजार रुपये व पत्नी संगीता के पास दस हजार रुपये होना दर्शाया गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के शपथपत्र में बैंक में जमापत्र के रूप में खुद के खाते में एक लाख 62 हजार 863 रुपये व पत्नी के खाते में सोलह लाख पचासी हजार 526 रुपये दर्शाया गया था। वाराणसी संसदीय पर खुद के खाते में चार लाख पचीस हजार 85 रुपये व पत्‍‌नी के खाते में सत्रह लाख इकतालीस हजार 583 रुपये दर्शाया गया है। इस तरह करीब साढ़े तीन लाख रुपये की बढ़ोतरी होने का हवाला दिया गया है। आज की तारीख में अरविंद केजरीवाल पर 23 हजार 500 की सरकारी देनदारी नहीं है।

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