MCD चुनावः शीला दीक्षित-अजय माकन की लड़ाई में बिखर रही कांग्रेस
शीला समर्थक अजय माकन पर उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं। आपसी खींचतान की वजह से ही आज तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की घोषणा नहीं हो सकी।
नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। दिल्ली कांग्रेस में चल रही बादशाहत की लड़ाई दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले सतह पर आ गई है। पार्टी के पूर्व विधायक अमरीश गौतम के बाद मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व दिल्ली सरकार में मंत्री रहे अरविंदर सिंह लवली ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया है। आने वाले दिनों में कुछ और नेता पार्टी छोड़ सकते हैं।
बता दें कि विस चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने शीला के खास रहे लवली से प्रदेश की कमान छीनकर अजय माकन को सौंप दी थी। कांग्रेस ने उन्हें चेहरा बनाकर 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नसीब नहीं हुई। इसके बाद माकन विरोधियों ने उन पर हमला बोलना शुरू कर दिया।
शीला समर्थक अजय माकन पर उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं। आपसी खींचतान की वजह से ही आज तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की घोषणा नहीं हो सकी। कई ब्लॉक के अध्यक्ष भी नहीं बने हैं। मार्च में रामलीला मैदान में हुई राहुल गांधी की रैली में शीला को बोलने का भी मौका नहीं दिया गया।
नगर निगम चुनाव में नेताओं की लड़ाई और ज्यादा बढ़ गई है। युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस पदाधिकारियों ने राहुल गांधी के निवास पर प्रदर्शन कर टिकट बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगाया था। असंतोष को दूर करने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने टिकट वितरण के लिए कमेटी बनाई थी। इसके बावजूद नेताओं की नाराजगी दूर नहीं हुई।
पूर्व मंत्री डॉ. एके वालिया ने जहां पार्टी से इस्तीफे की चेतावनी दी तो अमरीश गौतम भाजपा में शामिल हो गए। अध्यक्ष पद की कुर्सी जाने से आहत लवली के समर्थकों को भी जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला किया।
पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल, राज्यसभा सदस्य परवेज हाशमी सहित कई और नेता नाराज बताए जा रहे हैं। कई नेता भाजपा व अन्य पार्टियों में संभावना तलाश रहे हैं। केंद्रीय खेल राज्य मंत्री विजय गोयल ने ट्वीट भी किया है कि कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया है।