विराट ने किया खुलासा, मैदान पर हुआ था कुछ ऐसा
मैदान पर अपनी भावनाओं को बहुत कम ही दिल में रखने वाले भारतीय उपकप्तान विराट कोहली के साथ मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन भी कुछ हुआ। मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज के साथ उनकी कहासुनी हुई और कई बार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कुछ न कुछ विराट को कहते देखे गए। इसी बीच
मेलबर्न। मैदान पर अपनी भावनाओं को बहुत कम ही दिल में रखने वाले भारतीय उपकप्तान विराट कोहली के साथ मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन भी कुछ हुआ। मैदान पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज के साथ उनकी कहासुनी हुई और कई बार ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कुछ न कुछ विराट को कहते देखे गए। इसी बीच कंगारू कुछ ऐसा कह गए जिसका शायद विराट पर सबसे ज्यादा असर पड़ा और उन्होंने कंगारुओं को इसका करारा जवाब भी दिया।
- आखिर हुआ क्या? :
तीसरे दिन मेलबर्न के मैदान पर खेल के अलावा भी काफी कुछ होता देखा गया लेकिन सबसे विवादित पल था ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिचेल जॉनसन और विराट कोहली के बीच हुई तनातनी। दरअसल, एक गेंद के बाद जॉनसन ने खीझ निकालते हुए स्टंप पर थ्रो मारने के बजाय सीधे बल्लेबाज कोहली को ही गेंद जड़ दी। कोहली वहीं गिर पड़े। इसके बाद दोनों के बीच तनातनी शुरू हो गई। इसी बीच कोहली से कहा गया कि वोे एक बिगड़ैल हैं। शायद इसी का नतीजा था कि कोहली ने अपने गुस्से को इस बार अपनी पारी में इस्तेमाल किया और 169 रन जड़ डाले।
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- कोहली ने खुद किया खुलासाः
विराट कोहली ने खुद इसका खुलासा करते हुए कहा, 'ये (ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का शब्दों का वार) दिन भर चल रहा था। वे मुझे बिगड़ैल बुला रहे थे और मैंने जवाब में कहा कि मैं ऐसा ही हूं। तुम लोग मुझसे नफरत करते हो और मुझे ये पसंद है। मैदान पर मुझे कहासुनी से कोई दिक्कत नहीं होती और आज शायद ये मेरे फायदे में काम कर गया। मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना पसंद है क्योंकि वो ज्यादा देर तक खुद को शांत नहीं रख पाते और मुझे मजा आता है अगर वो मुझसे बहस करना चाहते हैं तो। ये मुझे बल्लेबाजी में और आक्रामक बनाता है और मेरा सर्वश्रेष्ठ बाहर आता है। शायद वो इससे अब तक कुछ सीखे नहीं हैं।'
- जॉनसन के बारे कोहली ने ये कहाः
कोहली ने मिचेल जॉनसन से हुई तनातनी के बारे में कहा, 'ब्रिस्बेन में वो (जॉनसन) बिना दबाव के बल्लेबाजी कर रहा था क्योंकि वो उसका काम नहीं है। उसका काम है गेंदबाजी और आज न तो उसे विकेट मिल रहे थे बल्कि वो हर ओवर में 4.7 के हिसाब से रन लुटा रहा था। दिनभर उसे विकेट लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था इसलिए मैंने तय किया कि उसको बोलने देते हैं और मैं उसकी गेंदों को निशाना बनाऊंगा। मैंने तय कर लिया था कि जब भी वो गेंदबाजी करने आएगा तो मैं आक्रामक रुख अपनाकर खेलूंगा। मुझे भी शब्दों का जवाब देने में गुरेज नहीं है और उसे भी नहीं। इसलिए ये चलता रहा।'