...और बोलते-बोलते टूट गया सब्र का बांध
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क जब गुरुवार को फिलिप ह्यूज की मृत्यु के बाद परिवार का संदेश पढ़ने मीडिया के सामने आए थे तो वो बेहद शांत थे और अपनी भावनाओं को रोक रखा था.....लेकिन आज वो सब्र का बांध तब टूट गया जब क्लार्क अपने दोस्त व साथी खिलाड़ी ह्यूज
सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क जब गुरुवार को फिलिप ह्यूज की मृत्यु के बाद परिवार का संदेश पढ़ने मीडिया के सामने आए थे तो वो बेहद शांत थे और अपनी भावनाओं को रोक रखा था.....लेकिन आज वो सब्र का बांध तब टूट गया जब क्लार्क अपने दोस्त व साथी खिलाड़ी ह्यूज के शोक में टीम का संदेश पढ़ने आए।
- ये था संदेशः
नम आंखों व भरे हुए गले के साथ क्लार्क रोते जा रहे थे और टीम का संदेश पढ़ रहे थे। क्लार्क ने संदेश पढ़ते हुए कहा, 'एक टीम के तौर पर हमने क्या खोया है इसको हम शब्द में बयां नहीं कर सकते। हम उस मुस्कराते हुए चेहरे और उसकी आंखों की चमक नहीं भूल पाएंगे। ऑस्ट्रेलियाई टीम की बैगी कैप और देश से खेलना कितना मायने रखता था वो उसकी मिसाल था। दुनिया ने इस हफ्ते एक महान इंसान को खोया है और हम उतने ही गरीब हो गए हैं।' क्लार्क ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के उस फैसले की भी तारीफ की जिसमें खिलाड़ियों ने उनसे ह्यूज की 64 नंबर की जर्सी को रिटायर करने की मांग की थी। क्लार्क ने कहा, 'वो (सीए) मान गए, ये बहुत मायने रखता है। बेहतर प्रदर्शन करने व लगातार सीखते रहने की उसकी मिसाल हमको हमेशा प्रेरित करती रहेगी। हमारा ड्रेसिंग रूम अब पहले जैसा नहीं रहेगा। हम उसको प्यार करते थे और हमेशा करते रहेंगे। रेस्ट इन पीस ब्रजी।'