जप्पोस में नहीं है कोई बॉस, कमान आम कर्मचारियों के हाथ
ऑनलाइन मार्केटिंग फर्म जप्पोस ने प्रबंधन स्तर के सभी पद खत्म कर दिए हैं।
सैन फ्रांसिस्को। दुनिया में कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं, जिनमें कोई बॉस नहीं है। मसलन, ऑनलाइन मार्केटिंग फर्म जप्पोस ने प्रबंधन स्तर के सभी पद खत्म कर दिए और कारोबार की लगाम आम कर्मचारियों के हाथ में सौंप दी है।
दरअसल, एक खास तरह के कॉर्पोरेट प्रैक्टिस का कांसेप्ट तेजी से प्रचलित हो रहा है। इसमें माना जाता है कि यदि कर्मचारियों के बीच वरिष्ठता और कनिष्ठता का फर्म खत्म कर दिया जाए तो उनमें बढ़-चढ़ कर काम करने की भावना, आपसी सहयोग, इनोवेशन और विचारों का खुला आदान-प्रदान बढ़ता है। इस अवधारणा में भरोसा करने वाले लोग 'होलोक्रेसी' जैसे प्रबंधन दर्शन में आस्था रखते हैं। इस दर्शन के तहत फैसले प्रबंधन नहीं, बल्कि खुद अनुशासित टीम करती है।
2013 में शुरू हुआ प्रयोग
जप्पोस ने यह प्रयोग साल 2013 में कर्मचारियों के एक छोटे समूह के साथ शुरू किया था। इसके बाद कंपनी के सीईओ टोनी हसी ने घोषणा कर दी कि वे सभी प्रबंधन पदों की व्यवस्था खत्म करके कारोबार की बागडोर करीब 1,500 कर्मचारियों के हाथ में छोड़ देना चाहते हैं।कंपनी ने काम के आधार पर सभी कर्मचारियों को अलग-अलग वर्गों में बांटना शुरू कर दिया और बैठकों के जरिए हरेक समूह की भूमिका, जवाबदेही और लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर दिया।
कुछ कर्मचारियों ने छोड़े काम
जप्पोस की यह पहल सभी कर्मचारियों को पसंद नहीं आई। इस महीने कंपनी ने कहा कि उसके 14 फीसदी या 200 से थोड़े अधिक कर्मचारी काम छोड़कर जा रहे हैं। हालांकि कंपनी मानती है कि नए कांसेप्ट से जो लाभ होगा, उसके मुकाबले नुकसान का अनुपात बहुत कम रहेगा।
लोकप्रिय हो रही होलोक्रेसी
दुनियाभर की कई कंपनियां बढ़चढ़ कर अपने यहां नई व्यवस्था लागू कर रही हैं। ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म फ्यूचर कंसीडरेशंस के सह-संस्थापक मार्क यंग ने हाल में एक बयान में कहा कि उसकी कई बड़ी ग्राहक कंपनियां अपने कुछ समूहों के बीच निर्णय निर्माण प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण करने का प्रयोग कर रही हैं। ब्रिटिश स्टोर चेन जॉन लेविस ने यह तरीका अपनाया और 80 हजार कर्मचारियों के हाथ में कारोबार की बागडोर सौंप दी है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, करीब 300 कंपनियों ने होलोक्रेसी पद्घति अपना ली है। यह कांसेप्ट करीब एक दशक पहले अस्तित्व में आया था।