विदेश में भी धाक जमाएंगे आयुध कारखाने
भारतीय आयुध कारखानों में जल्दी ही व्यापक बदलाव लाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत ना सिर्फ इन्हें भारतीय रक्षा जरूरतों के मुताबिक पूरी तरह उपयोगी बनाया जा रहा है, बल्कि विदेशी बाजार में भी अपनी धमक बनाने लायक बनाया जा रहा है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया है कि भा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय आयुध कारखानों में जल्दी ही व्यापक बदलाव लाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत ना सिर्फ इन्हें भारतीय रक्षा जरूरतों के मुताबिक पूरी तरह उपयोगी बनाया जा रहा है, बल्कि विदेशी बाजार में भी अपनी धमक बनाने लायक बनाया जा रहा है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया है कि भारतीय आयुध निर्माण (कारखानों) को पूरी तरह नया स्वरूप दिया जा रहा है। इसके तहत इन्हें पेशेवर और व्यावसायिक विभागों की तरह विकसित किया जाएगा। आयुध कारखानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय फर्म से करवाया जाएगा। साथ ही इनका प्रबंधन देख रहे बोर्ड में व्यावसायिक विभागों की तरह कार्यपद्धति विकसित की जाएगी। ये सिर्फ कुछ उपकरण बनाने वाले संस्थान की जगह इससे संबंधित पूरी सेवा उपलब्ध करवाने वाली एजेंसी के तौर पर काम करेंगे। इसके तहत इन्हें संबंधित उपकरणों को डिजाइन करने, उनका बड़े पैमाने पर निर्माण करने, नए सुधार करने से लेकर उनका पूरा रख-रखाव सुनिश्चित करने तक के लिए तैयार किया जा रहा है।
साथ ही ये कारखाने कई दूसरे देशों को भी सहायक उपकरण मुहैया करवाने की तैयारी में हैं। रक्षा मंत्रालय की तैयारी है कि वर्ष 2017 तक इसके वार्षिक टर्नओवर में भारी बढ़ोतरी कर इसे 20 हजार करोड़ रुपये सालाना तक कर दिया जाए। पहले फैक्ट्री बोर्ड ने अपने लिए इस समय तक 15 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक टर्नओवर का लक्ष्य रखा था।