सरकारी गेहूं खरीद घटकर 2.17 करोड़ टन
सरकार द्वारा बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान के मद्देनजर गुणवत्ता नियमों में ढील दिए जाने के बावजूद इस साल अब तक गेहूं की खरीद चार प्रतिशत घटकर 2.173 करोड़ टन रही है। एक साल पहले इसी अवधि में गेहूं खरीद 2.259 करोड़ टन रही थी। उल्लेखनीय है कि
नई दिल्ली। सरकार द्वारा बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान के मद्देनजर गुणवत्ता नियमों में ढील दिए जाने के बावजूद इस साल अब तक गेहूं की खरीद चार प्रतिशत घटकर 2.17 करोड़ टन रही है। एक साल पहले इसी अवधि में गेहूं खरीद 2.25 करोड़ टन रही थी। उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय खाद्य निगम तथा राज्य एजेंसियां समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद करती हैं। विपणन वर्ष 2015-16 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद अप्रैल से शुरू हुई थी। सरकार ने इस साल तीन करोड़ टन गेंहू खरीद का लक्ष्य रखा है। पिछले साल वास्तविक खरीद 2.8 करोड़ टन रही थी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, '2.17 करोड़ टन गेहूं पहले ही खरीदा जा चुका है जो कि गत वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। खरीद जाती है।'
अधिकारी ने कहा कि पंजाब व राजस्थान को छोड़कर हरियाणा व उत्तर प्रदेश में खरीद पिछले साल की तुलना में अधिक रही है। निगम के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में गेहूं की खरीद इस साल अब तक घटकर 88.8 लाख टन रही जो कि एक साल पहले एक करोड़ टन थी। इसी तरह समीक्षाधीन अवधि में राजस्थान में गेहूं की खरीद 10.27 लाख टन से घटकर 7.07 लाख टन रही है। वहीं मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीद 53.1 लाख टन से घटकर 52.4 लाख टन रही है। वहीं हरियाणा में गेहूं की खरीद इस दौश्रान 60.6 लाख टन से बढ़कर 62.5 लाख टन जबकि उत्तरप्रदेश में गेहूं की खरीद 1.61 लाख टन से बढ़कर 5.87 लाख टन रही है।
उल्लेखनीय है कि विशेषकर उत्तरी भारत में बेमौसमी बारिश के चलते सरकार ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश व उत्तराखंड जैसे राज्यों से सरकारी खरीद के लिए गुणवत्ता नियमों में ढील दी है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में संसद को सूचित किया कि गेहूं की खरीद इस साल तीन करोड़ टन के लक्ष्य से नीचे रह सकती है।