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वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल लगाएंगे 68 हजार करोड़ से एलसीडी यूनिट

अनिवासी भारतीय उद्योगपति व वेदांत समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने देश की पहली एलसीडी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने का एलान किया है। इस प्लांट की स्थापना महाराष्ट्र में होगी। इस पर उनकी फर्म ट्विनस्टार टेक्नोलॉजीज लगभग 68 हजार करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) का निवेश करेगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 08:50 PM (IST)
वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल लगाएंगे 68 हजार करोड़ से एलसीडी यूनिट

नई दिल्ली: अनिवासी भारतीय उद्योगपति व वेदांत समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने देश की पहली एलसीडी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने का एलान किया है। इस प्लांट की स्थापना महाराष्ट्र में होगी। इस पर उनकी फर्म ट्विनस्टार टेक्नोलॉजीज लगभग 68 हजार करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) का निवेश करेगी। कंपनी मेक इन इंडिया वीक के दौरान महाराष्ट्र सरकार के साथ इस संबंध में करार करेगी। इस वीक का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शुभारंभ किया।

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यह दुनिया की सबसे बड़ी एलसीडी फैब यूनिटों में से एक होगी। ट्विनस्टार टेक्नोलॉजीज की प्रमोटर कंपनी वोल्कैन इन्वेस्टमेंट्स है। मेक इन इंडिया वीक के दौरान वोल्कैन के अलावा इस यूनिट के लिए अग्रवाल से संबंधित वेदांत समूह और स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज महाराष्ट्र सरकार के साथ होने वाले समझौते में शामिल होंगी।

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कंपनी की इस यूनिट में वर्ष 2018 से उत्पादन शुरू हो जाएगा। यह यूनिट एलसीडी पैनल के निर्यात का हब भी बनेगी। इसमें तीस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। भारत टीवी, स्मार्टफोन, टैबलेट, डेस्कटॉप और लैपटॉप एलसीडी पैनल आधारित उत्पादों का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बन रहा है। फिलहाल देश में सभी एलसीडी पैनल आयातित होते हैं। साल 2020 तक इन पैनलों का आयात बिल बढ़कर 10 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

पैनल फैब के नाम से जाने जाने वाली एलसीडी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के लिए ट्विनस्टार पांच चरणों में दस अरब डॉलर का निवेश करेगी। इससे पहले कंपनी ने बीते साल जुलाई में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से एलसीडी पैनल प्लांट देश में लगाने की घोषणा की थी। उस वक्त कहा गया था कि इस प्लांट से 50,000 लोगों को नौकरियां मिलेंगी।

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अग्रवाल ने कहा, 'हमने जुलाई, 2015 में डिजिटल इंडिया समिट के दौरान देश से वादा किया था उसे पूरा किया हैं। हम सरकार के मेक इन इंडिया अभियान और 2020 तक इलेक्ट्रॉनिक्स आयात शून्य पर लाने जैसी पहल का हिस्सा बनकर खुश हैं।'


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