दालों की जमाखोरी पर केंद्र सख्त, राज्यों को स्टॉक लिमिट लागू करने का आदेश
केंद्र सरकार ने दालों की जमाखोरी रोकने के लिए राज्य सरकारों को स्टॉक लिमिट लगाने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, (पीटीआई)। केंद्र सरकार ने राज्यों को सभी किस्मों की दालों के व्यापारियों पर स्टॉक लिमिट लगाने का निर्देश दिया है ताकि इनकी जमाखोरी पर अंकुश लगाया जा सके। दालों की कमी होने से इनके मूल्य में दोबारा तेजी आने लगी है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने कुछ दालों पर स्टॉक लिमिट लगाई है। हमने सभी किस्मों की दालों पर स्टॉक लिमिट लगाने का राज्यों से अनुरोध किया है। उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तरी क्षेत्र के राज्यों ने भी अभी लिमिट नहीं लगाई है।
केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दालों के व्यापारियों पर एक साल से ज्यादा समय से स्टॉक लिमिट लगा रखी है। लेकिन कई राज्यों ने इसे अपने यहां लागू नहीं किया है। मध्य प्रदेश ने कुछ दालों पर लिमिट लगाई है लेकिन उसने चने पर लिमिट नहीं लगाई है। जबकि वह चने का प्रमुख उत्पादक राज्य है और इसकी कीमत में भी तेजी आ रही है। मध्य प्रदेश में करीब तीस फीसद चने का उत्पादन होता है। लेकिन उसने अरहर यानी तुअर, उड़द और मसूर दाल पर लिमिट लगाई है।
इसी तरह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने चने पर लिमिट लगाई है लेकिन उन्होंने दूसरी दालों पर रोक नहीं लगाई है। इस समय बाजार में उड़द 185 रुपये, अरहर 165 रुपये, मूंग 124 रूपये और मसूर 105 रुपये और चना 85 रुपये प्रति किलो के भाव पर खुदरा बाजारों में बिक रहा है।
फुटकर बाजार में दालों की कमी सीमित होने के कारण इसके मूल्य में तेजी आ रही है। तेजी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अपने स्टॉक से भी दालों की सप्लाई कर रही है। उसने मसूर की दाल बाजार में बेची है। उसने करीब 50 हजार टन दालों का स्टॉक किया है।