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खाद्य सुरक्षा कानून पर राज्यों को अल्टीमेटम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर मुकर्रर की गई है। कानून के बनने के बाद दो साल से लगातार समयसीमा में विस्तार किया गया है। सरकार ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि इस तारीख के बाद किसी राज्य को

By Murari sharanEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 08:57 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 09:11 PM (IST)
खाद्य सुरक्षा कानून पर राज्यों को अल्टीमेटम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर मुकर्रर की गई है। कानून के बनने के बाद दो साल से लगातार समयसीमा में विस्तार किया गया है। सरकार ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि इस तारीख के बाद किसी राज्य को अतिरिक्त बीपीएल और एपीएल वर्ग के लिए अनाज का आवंटन नहीं किया जाएगा।

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देश के 24 राज्यों में अभी तक खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं किया जा सका है। मात्र 11 राज्यों ने इसे आधे अधूरे तरीके से लागू किया है। खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन में ज्यादातर राज्यों ने सितंबर 2015 तक खाद्य सुरक्षा कानून पर अमल करने का भरोसा दिया है।

कई राज्यों में तकनीकी वजहों से इसे लागू करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं। मसलन, बिहार में 1.02 करोड़ राशनकार्डधारकों और हिमाचल प्रदेश में छह लाख परिवारों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाला अति रियायती अनाज नहीं मिल पा रहा है। दोनों राज्यों के खाद्य मंत्रियों ने मंगलवार के सम्मेलन में अपना रोष प्रकट किया है।

छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान ने कानून पूरी तरह लागू किया है। जबकि बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में यह आंशिक रूप से लागू है। इसके मुकाबले आंध्र प्रदेश, झारखंड और लक्षद्वीप ने लागू करने के लिए केंद्र के पास अपना प्रस्ताव भेजा है।

सितंबर 2013 में संसद के मानसून सत्र में यह कानून पारित किया गया था, जिसे 365 दिनों के भीतर सभी राज्यों को लागू करना था। लेकिन तब से चार बार यह समयसीमा बढ़ाई गई है। कानून के तहत प्रत्येक राशनकार्डधारक को पांच किलो अनाज प्रति व्यक्ति के हिसाब से एक, दो और तीन रुपये प्रति किलो पर दिए जाने का प्रावधान है।


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