नेट न्यूट्रलिटी पर नाम उजागर करने का विरोध, ट्राई की वेबसाइट हैक
नेट न्यूट्रलिटी के मसले पर प्रतिक्रियाएं देने वाले लोगों के नाम और ई-मेल आइडी सार्वजनिक करना दूरसंचार नियामक ट्राई को खासा महंगा पड़ गया। ट्राई की इस कवायद का ट्विटर सहित विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर तीखा विरोध हुआ है। नेट न्यूट्रलिटी के मसले पर ट्राई को करीब 10 लाख
नई दिल्ली। नेट न्यूट्रलिटी के मसले पर प्रतिक्रियाएं देने वाले लोगों के नाम और ई-मेल आइडी सार्वजनिक करना दूरसंचार नियामक ट्राई को खासा महंगा पड़ गया। ट्राई की इस कवायद का ट्विटर सहित विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर तीखा विरोध हुआ है। नेट न्यूट्रलिटी के मसले पर ट्राई को करीब 10 लाख लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। ट्राई ने इनका ईमेल जारी कर उनकी पहचान उजागर कर दी। लेकिन इसके बाद एक गुप्त समूह ने ट्राई की वेबसाइट हैक कर उसे बंद कर दिया। एनॉनमस इंडिया नाम के ट्विटर हैंडल से इस बारे में ट्विट कर कहा गया कि उन्होंने लाखों लोगों के ईमेल को दुरुपयोग होने से बचाने के लिए ट्राई का वेबसाइट हैक किया है। साथ ही इस समूह ने ट्राई को चेतावनी भी दी।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ओवर-द-टॉप सर्विसेज के लिए नियामक तंत्र स्थापित करने को लेकर 27 मार्च को अपना विचार-पत्र पेश किया था। इस पर विभिन्न हितग्राहियों और आम लोगों को 24 अप्रैल तक अपनी प्रतिक्रियाएं देने को कहा गया था। ट्राई को करीब 10 लाख प्रतिक्रियाएं मिलीं। जिन्हें प्राधिकरण ने आम प्रक्रिया के अनुरूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। भारी डेटा फ्लो के कारण ट्राई की वेबसाइट भी डाउन हो गई।
इसको लेकर ट्राई पर लोगों की पहचान उजागर करके निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगा। ट्विटर पर वीर सांघवी ने अपने कमेंट में कहा कि नेट न्यूट्रलिटी के मसले पर मेल करने वाले लोगों की मेल-आइडी जारी करने पर ट्राई को बधाई। अब हम समझ सकते हैं कि आप किस तरह से इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की सुरक्षा करते हैं। वहीं विक्रम चंद्रा ने लिखा यदि आप ट्राई को इंटरनेट को बचाने के लिए लिखते हैं तो अब आपको देश में स्पैमर्स का निशाना बनने के लिए तैयार रहना होगा। यह बहुत ही विचित्र है।
नेट न्यूट्रलिटी पर बहस में उद्योग संगठन भी
भेदभाव रहित इंटरनेट सेवाओं की जरूरत को लेकर चल रही बहस में उतरते हुए उद्योग संगठन एसोचैम ने ट्राई को नेट न्यूट्रलिटी का भारतीय वर्जन अपनाने का सुझाव दिया है। हालांकि संगठन ने इस भारतीय वर्जन के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी।
संगठन ने कहा कि वह विशेष तरह की नेट न्यूट्रलिटी का समर्थन करता है। साथ ही वह चाहता है कि ट्राई ऐसे नियम तैयार करे जो देश में निवेश समर्थक हों और उनसे देश के नीतिगत लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिले। एसोचैम ने इससे पहले एयरटेल जीरो और फेसबुक इंटरनेट ओआरजी जैसे प्लेटफॉर्म का भी समर्थन किया था, जिनका फ्री इंटरनेट के समर्थकों ने तीखा विरोध किया था। इन प्लेटफॉर्म को लेकर आरोप लगे थे कि ये अपने साझेदार सर्विस प्रोवाइडर्स को तरजीह देते हैं। एसोचैम ने कहा कि हम ऐसी विशेष तरह की नेट न्यूट्रलिटी का समर्थन करते हैं जो नागरिकों के लिए अधिकतम कल्याणकारी हो। इसके लिए नेट न्यूट्रलिटी का इंडियन वर्जन लागू किया जाए।