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टेलीकॉम कंपनियों के दमखम का खुलासा करेगा ट्राई

कॉल ड्रॉप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चिंता जताने के बाद सरकार ने इस समस्या का निवारण करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत दूरसंचार नियामक ट्राई को टेलीकॉम कंपनियों से उनके इंफ्रास्ट्रक्चर और उनकी क्षमता के बारे में जानकारी हासिल करने को कहा गया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 09:23 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 11:24 PM (IST)
टेलीकॉम कंपनियों के दमखम का खुलासा करेगा ट्राई

नई दिल्ली। कॉल ड्रॉप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चिंता जताने के बाद सरकार ने इस समस्या का निवारण करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत दूरसंचार नियामक ट्राई को टेलीकॉम कंपनियों से उनके इंफ्रास्ट्रक्चर और उनकी क्षमता के बारे में जानकारी हासिल करने को कहा गया है। इससे पता लग पाएगा कि कंपनियां कितनी कारगर सेवाएं देने में सक्षम हैं।

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नियामक जल्द ही टेलीकॉम कंपनियों से उनकी सेवाओं से जुड़ी सूचनाओं को बताने के लिए कहेगा, जिन्हें सार्वजनिक किया जाएगा। इससे ग्राहकों को ऑपरेटर की क्षमता के बारे में पता चल पाएगा और उन्हें अपने सेवा प्रदाता को चुनने में मदद मिलेगी।

ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने कहा कि सबसे पहले कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर और क्षमता के बारे में जानकारी देनी होगी। सेवाओं के संबंध में सूचना लेने के लिए ट्राई के पास अधिकार हैं। प्राप्त करने के बाद इसे सार्वजनिक किया जाएगा।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई स्टेटस पेपर तैयार कर रहा है। इसमें उपलब्ध डाटा के आधार पर विशेष तौर से दो शहरों दिल्ली और मुंबई में कॉल ड्रॉप पर विस्तृत समीक्षा की जा रही है। नियामक इसे सार्वजनिक करेगा। इससे न केवल यह पता चलेगा कि कॉल ड्रॉप की समस्या किस हद तक है, बल्कि इससे संभावित कारण भी सामने आएंगे। ऑपरेटरों को क्या करना होगा यह भी पता चलेगा।

कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए यह दूरसंचार विभाग (डॉट) की कोशिशों का हिस्सा है। इसका एक मकसद यह भी है कि ऑपरेटर चुनने में लोग सही निर्णय ले सकें। बीते हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी ने कॉल ड्रॉप की समस्या को गंभीर करार देते हुए संबंधित अधिकारियों से तत्काल इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए थे। पीएम मानते हैं कि इससे आम आदमी प्रभावित होता है।

सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री ने टेलीकॉम सचिव राकेश गर्ग से व्यक्तिगत रूप से मिलकर कहा था कि लोग कॉल ड्रॉप से बेहद नाखुश होते हैं और सरकार की निंदा करते हैं। इस दिशा में युद्धस्तर पर काम किए जाने की जरूरत है। डॉट पहले ही चेतावनी दे चुका है कि यदि ऑपरेटर इस समस्या का समाधान करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाए जाने का विकल्प खुला हुआ है।

100.69 करोड़ हुए टेलीफोन ग्राहक

देश में कुल टेलीफोन ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हुई है। जून के समाप्त होने तक यह आंकड़ा बढ़कर 100.69 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया। मई की समाप्ति पर यह संख्या 100.20 करोड़ थी।

ट्राई के ताजा आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है। जून में वायरलेस ग्राहक (जीएसएम और सीडीएमए) 0.51 फीसद बढ़कर 98.08 करोड़ हो गए। मई में ये 97.57 करोड़ थे। इसके उलट फिक्स्ड लाइन सब्सक्राइबर 2.62 करोड़ से घटकर 2.61 करोड़ हो गए।


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