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मिडकैप शेयरों के निवेशक मालामाल

साल 2014 में अब तक मझोली कंपनियों के शेयर [मिडकैप] निवेशकों को खूब पसंद आए हैं। उन्हें उम्मीद रही है कि नई व मजबूत केंद्र सरकार निवेश चक्र को पटरी पर लाएगी और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा फूंकेगी। संवत् वर्ष 2070 में बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 55 फीसद चढ़ा, जबकि इसी दौरान सेंसेक्स में 26 प्रि

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 24 Oct 2014 10:21 AM (IST)Updated: Fri, 24 Oct 2014 10:22 AM (IST)
मिडकैप शेयरों के निवेशक मालामाल

नई दिल्ली। साल 2014 में अब तक मझोली कंपनियों के शेयर [मिडकैप] निवेशकों को खूब पसंद आए हैं। उन्हें उम्मीद रही है कि नई व मजबूत केंद्र सरकार निवेश चक्र को पटरी पर लाएगी और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा फूंकेगी।

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संवत् वर्ष 2070 में बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 55 फीसद चढ़ा, जबकि इसी दौरान सेंसेक्स में 26 फीसद तेजी आई। दरअसल, पिछले 8 से 12 महीनों के दौरान स्माल और मिडकैप शेयरों ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए हैं। विश्लेषकों के मुताबिक आगे का रुझान कंपनियों की आय और मुनाफा बढ़ने पर निर्भर करेगा क्योंकि ज्यादातर शेयर फंडामेंटल्स [बुनियादी चीजें] आधारित गुंजाइश से काफी ऊपर हैं।

क्वालिटी परखने की जरूरत

विश्लेषक की सलाह है कि निवेशक शेयरों की क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान दें, न कि तादाद पर। खास तौर पर इसलिए कि ज्यादातर शेयरों में पहले ही काफी तेजी आ चुकी है।

मिडकैप श्रेणी की ज्यादातर कंपनियों के मूल्यांकन में वृद्धि हुई है, जबकि इसी हिसाब से कमाई नहीं बढ़ी है। यदि आगामी तिमाहियों में आय के आंकड़े निराशाजनक रहते हैं, तो ऐसे शेयर बिकवाली के दबाव में आ सकते हैं, जिनका मूल्यांकन बहुत ज्यादा बढ़ गया है।

बारीक मूल्यांकन का समय

वास्तव में यह मौकों का बारीकी से मूल्यांकन करने का समय है। पेशेवर तरीके से सही शेयरों के चयन का दौर है। ऐसी कंपनियों के शेयरों में दांव लगाने का वक्त है, जिनकी ग्रोथ रेट लगातार अच्छी रही है और वर्षो से कर्ज का बोझ सीमित रहा है।

एक साल में 200 फीसद से ज्यादा चढ़ने वाले चुनिंदा शेयर

बीईएमएल

इस सरकारी कंपनी की स्थापना वर्ष 1964 में की गई थी। बेंगलूर की यह कंपनी रेल के डिब्बे, स्पेयर पा‌र्ट्स और माइनिंग में काम आने वाले उपकरण बनाती है। सरकार ने इसका आंशिक विनिवेश किया है। फिलहाल इसमें 54 फीसद हिस्सेदारी केंद्र सरकार की और 46 फीसद हिस्सेदारी पब्लिक, वित्तीय संस्थानों, विदेशी संस्थागत निवेशकों, विभिन्न बैंकों और कर्मचारियों की है।

गुजरात पीपावाव

आकार में छोटा होने के बावजूद जीपीपीएल ने बिजनेस बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है। साल दर साल आधार पर कंपनी के कर बाद मुनाफे में 80 फीसद वृद्धि हुई है। फिर भी, सिटीग्रुप की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे बड़े बंदरगाहों की तरफ से तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, कुल मिलाकर इसके कारोबार में अच्छी खासी वृद्धि होगी।

अपोलो टायर्स

एंजल ब्रोकिंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2014 के दौरान टायर इंडस्ट्री की ग्रोथ बहुत अच्छी नहीं [करीब 3 प्रतिशत] रही है। फिर भी, चूंकि रबर के भाव गिरे हैं, लिहाजा ग्रॉस मार्जिन में करीब 120 आधार अंकों [1.2 प्रतिशत] का सुधार आ सकता है।

टीवीएस मोटर

रेलिगेयर सिक्योरिटीज के विश्लेषकों के मुताबिक यह कंपनी धीरे-धीरे ही सही, लेकिन लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ाती चली जाएगी। जेस्ट स्कूटी और नई स्टार सिटी बाइक की लांचिंग कंपनी के लिए फायदेमंद साबित होगी। ब्रोकरेज फर्म ने उम्मीद जताई है कि कंपनी का मार्जिन बढ़ेगा।

मॉनसेंटों इंडिया

इस कंपनी के बारे में ज्यादातर ब्रोकरेज फर्म की अच्छी राय है। खास तौर पर इसलिए कि कंपनी रिसर्च आधारित बायोटेक्नोलॉजी का बिजनेस करती है, इसकी मूल कंपनी की स्थिति काफी मजबूत है और बिजनेस मॉडल शानदार। इसका कारोबार मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित है। एग्रो बायोकेमिकल्स और हाइब्रिड सीड्स। इस शेयर में तगड़ी उछाल की उम्मीद जताई गई है।

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