..जिसने बदली लाखों लोगों की जिंदगी उसे अब कहना पड़ेगा अलविदा
अंतत: मारुति सुजुकी ने अपने सबसे लोकप्रिय मॉडल 800 को बनाना बंद कर दिया। मारुति का 800 मॉडल अब भारतीय ऑटो इतिहास के सुनहरे पन्नों में सिमट गया। इस कार ने देश के लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों का सपना पुरा किया था, लेकिन अब इसका सफर खत्म हो गया।
नई दिल्ली। अंतत: मारुति सुजुकी ने अपने सबसे लोकप्रिय मॉडल 800 को बनाना बंद कर दिया। मारुति का 800 मॉडल अब भारतीय ऑटो इतिहास के सुनहरे पन्नों में सिमट गया। इस कार ने देश के लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों का सपना पुरा किया था, लेकिन अब इसका सफर खत्म हो गया।
मारुति सुज़ुकी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने पिछले महीने से ही मारुति 800 का उत्पादन बंद कर दिया है। मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक सीवी रामन का कहना है कि भले ही इस कार को बनाना बंद कर दिया गया है लेकिन नियमों के मुताबिक, अगले 8-10 वर्षो तक इसके पुर्जे उपभोक्ताओं के लिए बाजार में उपलब्ध रहेंगे।
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उनका कहना है, '18 जनवरी से मारुति 800 का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। हमें उपभोक्ताओं की ज़रूरतें पूरी करनी होंगी, इसलिए पुर्जे मिलते रहेंगे। मारुति 800 पहली बार 1980 के दशक की शुरुआत में बाजार में उतारी गई थी, तब इसकी कीमत करीब 50,000 रुपये थी। फिलहाल, मारुति की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली में इसकी एक्स शोरूम कीमत 2.35 लाख रुपये है। रमन ने कहा, 'डीलर्स के पास एम800 के कुछ मॉडल हो सकते हैं लेकिन मुझे इसका सही आंकड़ा नहीं पता।'
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मारुति ने अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों का रीडिजाइन किया है, जैसे कि ऑल्टो, वैगनआर और स्विफ्ट। मारुति सुजुकी लिमिटेड ने अप्रैल 2010 के बाद से हैदराबाद, बेंगलुरु, कानपुर, पुणे समेत 13 शहरों में मारुति 800 की बिक्री बंद कर दी थी।
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कारों के सुरक्षा मानकों की निगरानी करने वाली एक ब्रिटेन संस्था के क्रैश टेस्ट में भारत की पांच छोटी कार बनानी वाली कंपनियां विफल रहीं हैं। क्रैश टेस्ट में यह देखा जाता है कि दुर्घटना होने की स्थिति में यात्रियों के कोई कार कितनी सुरक्षित है।
जिन कारों का टेस्ट किया गया उनमें सुज़ुकी-मारुति आल्टो 800, टाटा नैनो, फोर्ड फिगो, हुंडई आई10 और फॉक्सवैगन पोलो को शामिल किया गया था।