अगर एमएफएन का दर्जा छिना तो पाकिस्तान को होंगे ये तीन बड़े नुकसान
अगर पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा छिनता है तो उसे तीन बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं, जानिए।
नई दिल्ली: उड़ी अटैक के बाद सीमा पर और देश के भीतर लोगों में काफी गुस्सा है। पाकिस्तान से एमएफएन (प्रमुख तरजीही राष्ट्र) दर्जा छीनने को लेकर भी देश में मांग तेज हो रही है, भारत गुरुवार को इस पर कोई अहम फैसला ले सकता है। ऐसी स्थिति में भी भारत के पास दो विकल्प हैं। पहला या तो वो पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा छीन ले, दूसरा वह विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) में पाकिस्तान के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। अगर पाकिस्तान से एमएफएन का दर्जा छिनता है तो उसे तीन बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं, जानिए।
सस्ते कच्चे माल को तरस जाएगा पाक:
मौजूदा हालात को देखें तो पाकिस्तान अपने अपने 300 उत्पाादों के लिए भारत के बाजार तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है। अगर भारत सरकार एमएफएन दर्जा वापस लेने का फैसला करती है तो फिर पाकिस्ता्न को आर्थिक मोर्चे पर बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। भारत से पाकिस्तान को ऑर्गेनिक केमिकल्सक, चीनी, सब्जियां, कपास, स्टी्ल, प्लारस्टिक और प्रोसेस्डस फूड वेस्टक जैसी वस्तुओं का निर्यात होता है। एमएफएन का दर्जा छिनने से पाकिस्तान के उद्योगों को बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि फिर उसके लिए कम कीमत पर कच्चा माल जुटाना मुश्किल होगा। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2.67 अरब डॉलर का है।
खत्म हो जाएंगी भारत से मिलने वाली रियायतें:
एमएफएन का दर्जा खत्म करने के अलावा भारत साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया (साफ्टा) एग्रीमेंट के तहत पाकिस्ताडन को उपलब्धी कराई जाने वाली रियायतों को भी खत्म करने के बारे में सोच सकता है। वहीं भारत साफ्टा सदस्यों (अफगानिस्ताकन, बांग्लाोदेश, भूटान, भारत, मालद्वीप, नेपाल, पाकिस्तानन और श्रीलंका) को भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह सकता है। साफ्टा सार्क देशों के बीच टैरिफ और अड़चनों को कम कर व्यातपार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने का काम करता है।
रद्द हुई सार्क बैठक, तो पाक की छवि पर होगा असर:
वहीं सार्क बैठक को लेकर भी करीब 4 देश भारत के साथ नजर आ रहे हैं। नेपाल इस बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। अभी तक नेपाल की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस बैठक के रद्द होने की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अगर यह रद्द होती है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को गंभीर नुकसान हो सकता है।