बिजली मिलने पर बंद हो सकता है सस्ता केरोसिन
केंद्र सरकार उन परिवारों को सस्ते केरोसिन की बिक्री बंद करने पर विचार कर सकती है, जिन्हें नियमित रूप से बिजली मिल रही है। इस संबंध में केंद्र को एक प्रस्ताव मिला है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार उन परिवारों को सस्ते केरोसिन की बिक्री बंद करने पर विचार कर सकती है, जिन्हें नियमित रूप से बिजली मिल रही है। इस संबंध में केंद्र को एक प्रस्ताव मिला है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रधान ने कहा कि घरेलू रसोई गैस यानी एलपीजी सिलेंडर पर 'पहल' स्कीम (पूर्व नाम डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना) के जरिये सब्सिडी कम करने की शुरुआत पहले ही हो चुकी है। अब पेट्रोलियम मंत्रालय केरोसिन सब्सिडी कम करने पर गौर कर रहा है। पिछले साल केरोसिन पर 30,575 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। रसोई गैस सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में पहुंच जाने से एलपीजी सब्सिडी में करीब 15 प्रतिशत कमी आने की उम्मीद है।
प्रधान ने कहा, 'राज्यों को केरोसिन पर निर्भरता कम करनी चाहिए। इस बारे में एक प्रस्ताव जो हमें मिला है, वह यह है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिन परिवारों को बिजली मिल रही है, उन्हें सस्ता केरोसिन नहीं दिया जाना चाहिए।' वैसे, प्रधान ने यह नहीं बताया कि क्या सरकार इस प्रस्ताव से सहमत है। शहरी व ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के तेल (केरोसिन) का इस्तेमाल रोशनी और खाना पकाने में किया जाता है।
तेल-गैस खोज के 30 क्षेत्रों में उत्पादन की हरी झंडी
सरकार ने तेल और गैस खोज क्षेत्र में अनुबंध की शर्तो से उपजे विवाद के बाद कई माह तक जारी गतिरोध खत्म कर दिया है। केंद्र ने ओएनजीसी और केयर्न इंडिया समेत विभिन्न कंपनियों की 30 परियोजनाओं की समस्याएं दूर करते हुए 2,600 अरब घनफुट गैस भंडार से उत्पादन शुरू करने का रास्ता साफ कर दिया है। धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि ऐसे तेल और गैस क्षेत्रों में उत्पादन शुरू करने के लिए ऑपरेटर कंपनी को कामकाज में कुछ लचीलापन देने के वास्ते सरकार ने नीतिगत रूपरेखा को मंजूरी दी है। इसके तहत ऐसे मामलों में विस्तार, रियायत व स्पष्टीकरण दिया जा सकेगा।
प्रधान ने कहा, 'इस मंजूरी के बाद तीन माह से भी कम समय में लंबे अरसे से लटके 30 मसलों को सुलझा लिया गया है। इसकी बदौलत 3.40 करोड़ बैरल तेल और करीब 700 अरब घनफुट गैस का उत्पादन हो सकेगा।
मुश्किल में डालने वाली शर्ते
उत्पादन साझेदारी करार भागीदारी अनुबंध (पीएससी) के तहत सरकार और खोज करने वाली कंपनियों के बीच उत्पादन शुरू होने के बीच हर स्तर पर काफी जटिल शर्ते रखीं गई हैं। यदि किसी मामले में समयसीमा एक दिन भी आगे हो जाती है तो कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो जाती है। जिन मामलों में अतिरिक्त जांच व खोज के लिए अनुमति दी गई है, वहां 17.20 करोड़ बैरल का तेल भंडार और 1,900 अरब घनफुट गैस भंडार होने का अनुमान है।