इस साल 5.9 फीसद तक रहेगी विकास दर
वित्त मंत्रालय की परामर्श समिति की पहली बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था में निरंतर ऊंची विकास दर हासिल करने की क्षमता है।
नई दिल्ली , जागरण ब्यूरो ! अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से निकल तेज विकास दर की ओर बढ़ रही है। आर्थिक वृद्धि दर लगातार दो साल तक पांच प्रतिशत से नीचे रहने के बाद चालू वित्त वर्ष में 5.5 से 5.9 फीसद के बीच रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री का यह भी कहना है कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई तथा चालू खाते का घाटा भी कम रहेंगे।
वित्त मंत्रालय की परामर्श समिति की पहली बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था में निरंतर ऊंची विकास दर हासिल करने की क्षमता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल तथा घरेलू स्तर पर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी से आगामी महीनों में महंगाई दर भी कम रहेगी। चालू खाते के घाटे की भरपाई करने के लिए विदेशी मुद्रा की आवक अच्छी है। इससे मौजूदा वर्ष में चालू खाते का घाटा और नीचे आने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऊंची विकास दर, बचत में वृद्धि, राजकोषीय एकीकरण, चालू खाते के घाटे को कम रखने और निवेश चक्र को पुन: चालू करने के कदम उठाएगी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाना, आपूर्ति पक्ष पर जोर देकर महंगाई को कम करना, ढांचागत क्षेत्र और निर्यात को बढ़ावा देना तथा सब्सिडी को कम करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं।
सरकार की कोशिश विकास दर को उच्च स्तर पर वापस लाना है। ऊंची विकास दर से राजस्व और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। सामाजिक कार्यक्रमों पर धन खर्च करने की सरकार की क्षमता बढ़ती है। पिछले कुछ वर्षो में मैन्यूफैक्चरिंग सहित औद्योगिक क्षेत्र में सुस्ती थी। इसके चलते विकास दर घटकर पांच प्रतिशत के नीचे आ गई थी।
विकास दर को बढ़ावा देने के लिए व्यय सुधारों के लिए व्यय प्रबंधन आयोग का गठन हुआ है। बिजली परियोजनाओं को दस साल की टैक्स छूट दी गई है। उत्पाद शुल्क में कटौती के साथ ही उसे तर्कसंगत बनाया गया है। खनन में मौजूदा अड़चनों को दूर किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआइ को प्रोत्साहित करने के उपाय किए गए हैं। उन्होंने डीजल की कीमतों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया और मेक इन इंडिया कार्यक्रम लांच किया गया है।
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