कारोबार के लिहाज से भारत की स्थिति बहुत बेहतर नहीं
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद बेशक देश के कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है, लेकिन अभी कई चुनौतियों को पार करना है। व्यवसाय के लिहाज से आज भी भारत बहुत अच्छी स्थिति में नहीं खड़ा है। फोर्ब्स की ताजा सूची इसकी बानगी है। कारोबार के लिए
न्यूयॉर्क। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद बेशक देश के कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है, लेकिन अभी कई चुनौतियों को पार करना है। व्यवसाय के लिहाज से आज भी भारत बहुत अच्छी स्थिति में नहीं खड़ा है। फोर्ब्स की ताजा सूची इसकी बानगी है। कारोबार के लिए सर्वोत्तम 146 देशों की सूची में भारत 93वें स्थान पर है। गरीबी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का उसे मजबूती के साथ सामना करना है। डेनमार्क इस सूची में शीर्ष पायदान पर है। पाकिस्तान 105वें तथा पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी अंतिम स्थान पर है।
कारोबार के लिए सर्वोत्तम देशों की फोर्ब्स की सूची में डेनमार्क के बाद हांगकांग, न्यूजीलैंड, आयरलैंड और स्वीडन का नाम है। कारोबारी माहौल को बनाए रखने में अमेरिका की पकड़ लगातार ढीली पड़ रही है। तमाम विकसित देशों से वह पिछड़ता जा रहा है। इस सूची में वह फिसलकर 18वें स्थान पर पहुंच गया है। बीते साल वह 14वें स्थान पर था। 2009 से बराबर अमेरिका की रैंकिंग घट रही है। तब वह दूसरे पायदान पर था।
फोर्ब्स ने भारत के तमाम सकारात्मक पहलुओं को भी रेखांकित किया। इनमें युवा आबादी, अच्छी बचत और निवेश दर तथा ग्लोबल अर्थव्यवस्था के साथ बढ़ता एकीकरण शामिल है। साथ ही उन चुनौतियों का भी जिक्र किया है जिनसे भारत को सामना करना है। इनमें गरीबी, भ्रष्टाचार, महिलाओं और लड़कियों के प्रति हिंसा और भेदभाव, अक्षम विद्युत उत्पादन और वितरण प्रणाली, बौद्धिक संपदा अधिकारों का अप्रभावी कार्यान्वयन और लंबी चलने वाली मुकदमेबाजी सर्वोपरि हैं।
रैंकिंग का आधार
फोर्ब्स ने 11 भिन्न कारकों पर देशों की रैंकिंग की। इनमें संपदा अधिकार, नवप्रवर्तन, कर, तकनीकी, भ्रष्टाचार, स्वतंत्रता (व्यक्तिगत, व्यापार और मौद्रिक), लालफीताशाही, निवेशक सुरक्षा और शेयर बाजार का प्रदर्शन शामिल हैं।
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