Move to Jagran APP

संशोधित होकर घट सकते हैं विकास दर के आंकड़े

जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 7.5 प्रतिशत होने और इस मामले में चीन को पछा़ड़ने की उपलब्धि कुछ ही दिनों की खुशी साबित हो सकती है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2015 08:29 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2015 08:48 PM (IST)
संशोधित होकर घट सकते हैं विकास दर के आंकड़े

नई दिल्ली । जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 7.5 प्रतिशत होने और इस मामले में चीन को पछा़ड़ने की उपलब्धि कुछ ही दिनों की खुशी साबित हो सकती है। इस बात की प्रबल आशंका है कि करीब तीन महीनों के बाद विकास दर संशोधित होकर थो़ड़ी कम रह जाएगी।

loksabha election banner

दरअसल, सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की गणना के नए तरीके के तहत सरकार ने इसमें कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में सूचीबद्घ करीब 5 लाख कंपनियों की आय और मुनाफे के आंकड़े शामिल किए हैं।

इससे पहले जीडीपी के आंक़़डे जुटाने का जो तरीका था, उसके मुताबिक केवल उन्हीं करीब 2,000 कंपनियों के आंक़़डे लिए जाते थे, जो रिजर्व बैंक के तिमाही इंडस्ट्रीज सर्वे में शामिल होते थे। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक हालांकि सरकार जीडीपी के आंक़़डों को ज्यादा व्यापक बनाना चाहती है, लेकिन लिस्टेड और गैर--लिस्टेड घरेलू कंपनियों की ओर से समय पर तिमाही नतीजे घोषित नहीं किए जाने के कारण जीडीपी के आंक़डों में बड़े संशोधन की जरूरत पड़ सकती है।

चूंकि ज्यादातर कंपनियों ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए कमजोर नतीजे जारी किए हैं, लिहाजा इस बात की आशंका ब़़ढ गई है कि जीडीपी के आंक़़डे यानी आर्थिक विकास दर थो़ड़ी-बहुत घटेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.