रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने दो बैंकों पर लगाया जुर्माना
आरबीआई ने मानकों का पालन नहीं करने पर बैंक ऑफ बड़ोदा और एचडीएफसी पर करोड़ों रूपये का जुर्माना ठोंका है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने मानकों का पालन नहीं करने और कई तरह की अनियमितताओं के चलते बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बीते साल ही सरकारी क्षेत्र के बॉब की दिल्ली की अशोक विहार ब्रांच में 6,100 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। इसी तरह केवाईसी व अन्य मानकों के उल्लंघन की वजह से निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक पर भी आरबीआइ ने दो करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने आंतरिक ऑडिट के दौरान कुछ अनियमितताएं पाई थीं। बॉब ने इनकी जानकारी अक्टूबर, 2015 में आरबीआइ और जांच एजेंसियों को दी थी। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने जांच की। आरबीआइ को जांच में बैंक के आंतरिक नियंत्रण तंत्र में कमजोरी और नाकामी को दिखाने वाली गड़बडि़यां पता चलीं। बॉब में खासतौर पर लेनदेन की निगरानी और वित्तीय खुफिया इकाई को समय पर सूचना देने समेत मनी लांड्रिंग रोधी कानून के कुछ प्रावधानों की अनदेखी की गई।
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बैंक ने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) मानकों का उल्लंघन करते हुए कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खाते खोले। इसके अलावा बॉब की ओर से संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) फाइल करने में देरी और कुछ मामले में इसे सबमिट ही नहीं करने के मामले भी सामने आए। बॉब की अशोक विहार ब्रांच से नियमों को ताक पर रखकर 6,100 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आयात बिलों के भुगतान के नाम पर हांगकांग पहुंचा दी गई। सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक पर दो करोड़ रुपये की पेनाल्टी
देश में निजी क्षेत्र के दूसरे नंबर के एचडीएफसी बैंक को भी आयात बिलों के अग्रिम भुगतान पर केवाईसी मानकों और मनी लांड्रिंग संबंधी प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया गया। आरबीआइ ने इस बैंक को नोटिस जारी किया। एचडीएफसी बैंक के विस्तृत जवाब के बाद केंद्रीय बैंक ने दो करोड़ की पेनाल्टी लगाने का फैसला किया।
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