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नहीं बदलेगी यूरोपीय स्टील कारोबार को लेकर रणनीति

टाटा स्टील ने साफ किया है कि नेतृत्व बदलने से कंपनी के यूरोपीय स्टील कारोबार की रणनीति या योजना में कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनी यूरोपय में कंसॉलिडेशन की रणनीति जारी रखेगी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 29 Oct 2016 04:00 AM (IST)Updated: Sat, 29 Oct 2016 11:39 AM (IST)
नहीं बदलेगी यूरोपीय स्टील कारोबार को लेकर रणनीति

नई दिल्ली, प्रेट्र : टाटा स्टील ने साफ किया है कि नेतृत्व बदलने से कंपनी के यूरोपीय स्टील कारोबार की रणनीति या योजना में कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनी यूरोपय में कंसॉलिडेशन की रणनीति जारी रखेगी। कंपनी यूरोपियन स्टील बिजनेस के लिए जर्मनी की थाइसेनक्रुप के साथ संभावित संयुक्त उद्यम को लेकर इस साल आठ जुलाई से बातचीत कर रही है।

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टाटा स्टील यूके भी वित्तीय संकट का समाधान तलाशने के लिए सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श में जुटी है। कंपनी ने कनाडा के क्यूबेक प्रांत की सरकार के साथ आयरन ओर खनन के लिए करीब 875 करोड़ रुपये का नया निवेश करार किया है।

कंपनी ने टाटा संस के हटाए गए चेयरमैन सायरस मिस्त्री के कथित रहस्योद्घाटन के बाद यह बयान जारी किया है। मिस्त्री ने आरोप लगाया था कि यूरोपीय कारोबार के चलते टाटा स्टील को 18 अरब डॉलर (करीब 1,20,000 करोड़ रुपये) बट्टेखाते में डालने पड़ सकते हैं।

पूर्व चेयरमैन के इस कथित भंडाफोड़ के बाद कंपनी के भविष्य को लेकर तमाम अटकलें लगाई जाने लगी थीं।इसी तरह समूह की कंपनी टाटा कैपिटल ने भी सिवा ग्रुप की दो फर्मो को दिए गए 200 करोड़ रुपये के लोन पर सफाई दी है। कंपनी ने मिस्त्री के उस आरोप को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि यह कर्ज एक्जीक्यूटिव ट्रस्टी की सिफारिश पर दिया गया था।

मिस्त्री के आरोपों से टाटा परेशान

रतन टाटा के लिए सायरस को चेयरमैन पद से हटाना भले ही आसान रहा हो, मगर मिस्त्री के आरोपों को पूरी तरह गलत साबित कर पाना खासा मुश्किल होगा। मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि रतन की लगातार अधिग्रहणों की भूख और मिलने वाले रिटर्न पर ध्यान नहीं देने से शेयरधारकों को अरबों डॉलर का चूना लगा है। अलबत्ता टाटा समूह ने इस आरोप को खारिज कर दिया है, मगर सौदों पर निवेशकों की आशंकाएं पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं।

मिस्त्री अब भी कई कंपनियों के चेयरमैन

टाटा संस से निष्कासन के बावजूद सायरस अभी समूह की कई कंपनियों के चेयरमैन पद पर बने हुए हैं। टाटा समूह को उम्मीद है कि मिस्त्री नैतिकता के आधार पर इन फर्मो से इस्तीफा दे देंगे। फिलहाल मिस्त्री टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टीसीएस, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबल, टाटा केमिकल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के चेयरमैन हैं।

इसके अलावा वह अब भी टाटा संस के डायरेक्टर हैं। शेयरधारक ही उचित चेतावनी देने के बाद उन्हें कानूनन हटा सकते हैं। उनके परिवार की टाटा संस में 18.6 फीसद हिस्सेदारी है।

समूह की कंपनियों के शेयर उछले

मिस्त्री के हटाए जाने की घोषणा के बाद समूह कंपनियों के शेयरों में तीन दिनों की गिरावट के बाद तेजी लौटती दिखी। ज्यादातर कंपनियों में यह तेजी एक से लेकर छह फीसद के बीच रही।

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