कंपनियों ने किया 40 लाख लोगों के समर्थन का दावा
नेट न्यूट्रलिटी को लेकर छिड़ी बहस के बीच टेलीकॉम कंपनियों के संगठन ने दावा किया है कि 40 लाख मोबाइल उपभोक्ताओं ने उसके अभियान का समर्थन किया है। संगठन ने अपने अभियान के माध्यम से व्हाट्सएप और स्काइप जैसी इंटरनेट आधारित संचार सेवाओं पर भी मोबाइल ऑपरेटरों वाले नियम लागू
नई दिल्ली। नेट न्यूट्रलिटी को लेकर छिड़ी बहस के बीच टेलीकॉम कंपनियों के संगठन ने दावा किया है कि 40 लाख मोबाइल उपभोक्ताओं ने उसके अभियान का समर्थन किया है। संगठन ने अपने अभियान के माध्यम से व्हाट्सएप और स्काइप जैसी इंटरनेट आधारित संचार सेवाओं पर भी मोबाइल ऑपरेटरों वाले नियम लागू करने की मांग की है।
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआइ) ने अपनी मांग को लेकर पिछले सप्ताह 'सबका इंटरनेट, सबका विकास' अभियान चलाया था। सीओएआइ के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने बताया कि एसएमएस और वॉयस कॉल के माध्यम से लोगों ने अभियान को अपना समर्थन दिया।
उन्होंने कहा कि अगर टेलीकॉम ऑपरेटरों को इंटरनेट आधारित सेवा देने के लिए सुविधा नहीं मिली तो उन्हें कारोबार करने के लिए डाटा कीमत छह गुना तक बढ़ानी पड़ेगी। फिर बहुत से लोग इतना महंगा खर्च वहन नहीं कर पाएंगे और इंटरनेट की सुविधा से वंचित हो जाएंगे।
एयरटेल द्वारा 'जीरो एयटेल' लाने और ट्राइ द्वारा इस संबंध में मांगे गए सुझाव के बाद भारत में नेट न्यूट्रलिटी को लेकर बहस तेज हो गई है। माकपा ने तो हाल ही में हुई अपनी कांग्रेस में इसके पक्ष में प्रस्ताव तक पारित किया। उसने इसको लेकर आंदोलन चलाने तक की बात की है। अन्य दल भी इसको लेकर सरकार और ट्राई को घेरने की कोशिश में हैं।