आरबीआई जल्द स्थापित करेगा सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री
कर्ज लेकर जालसाजी करने वालों से बैंकों को लग रही चपत को देखते हुए रिजर्व बैंक जल्द ही सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री का गठन करेगा।
नई दिल्ली। कर्ज लेकर जालसाजी करने वालों से बैंकों को लग रही चपत को देखते हुए रिजर्व बैंक जल्द ही सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री का गठन करेगा। यह पूर्व चेतावनी प्रणाली के तौर पर काम में आएगा। इसका मकसद छल-कपट करने वालों के बारे में तेजी से जानकारी साझा करना और बैंकों को फंसे कर्ज (एनपीए) की समस्या से निपटने में मदद दिलाना है।
आरबीआई के शीर्ष अधिकारी ने बताया, "यह जल्द स्थापित होगा। सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री स्थापित करने पर काम चल रहा है। यह आरबीआई की देखरेख में काम करेगा।" वर्तमान में ऐसा कोई डाटाबेस नहीं है, जिसका इस्तेमाल बैंक पहले के धोखाधड़ी के मामलों के सभी प्रासंगिक ब्योरे हासिल करने के लिए कर सकें।
इस तरह का डाटाबेस तैयार होने से बैंकों को नए ग्राहकों के साथ संबंध बनाते समय, कर्ज सुविधाएं देते समय और खाते के परिचालन के दौरान किसी भी समय अधिक से अधिक सूचनाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। इस तरह बैंक रजिस्ट्री से कर्ज मंजूर करते समय उधार लेने वाले ग्राहक की विश्वसनीयता जांच कर लाभ उठा सकते हैं।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2014 तक सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए 2,60,531 करोड़ रुपये था। इसमें से शीर्ष 30 डिफॉल्टरों के पास बैंकों का 95,122 करोड़ रुपये फंसा है।