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तकनीक के सहारे तुरंत पकड़े जाएंगे फर्जी पैन कार्ड

कई वर्षों की मशक्कत के बाद आयकर विभाग ने आखिरकार नकली पैन कार्डों की समस्या के समाधान के लिए नई टेक्नोलॉजी तलाश ली है। इसके जरिये कर अधिकारी नकली पैन कार्डों को खत्म कर सकेंगे।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2016 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 21 Mar 2016 08:40 AM (IST)
तकनीक के सहारे तुरंत पकड़े जाएंगे फर्जी पैन कार्ड

नई दिल्ली। कई वर्षों की मशक्कत के बाद आयकर विभाग ने आखिरकार नकली पैन कार्डों की समस्या के समाधान के लिए नई टेक्नोलॉजी तलाश ली है। इसके जरिये कर अधिकारी नकली पैन कार्डों को खत्म कर सकेंगे।

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विभाग महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट प्लेटफॉर्म इनकम टैक्स बिजनेस एप्लीकेशन- पर्मानेंट अकाउंट नंबर (आइटीबीए-पैन) परिचालन में ले आया है। इससे कर अधिकारियों और पैन जारी करने वाले मध्यस्थों को डुप्लीकेट पैन संख्या को पहचानने में मदद मिलेगी। जब भी आयकर विभाग के पास विशेष पहचान संख्या के लिए नया आवेदन उसके पोर्टल पर पहुंचेगा, नकली पैन की पहचान हो सकेगी।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले विभाग मैनुअल तरीके से नकली पैन की पहचान करता था। इसे पूरी तरह फूलप्रूफ नहीं कहा जा सकता था। नई इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली इस काम के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। वैसे, पुराने पैन कार्ड के मामलों में मैनुअल प्रणाली जारी रहेगी।


अधिकारी के मुताबिक पुरानी प्रणाली में ऐसे मामले बहुत ज्यादा नहीं हैं। जब भी सूचना मिलती है, ऐसे मामलों को पहचानकर उनका निपटान किया जाता है। विभाग पिछले कई साल से इस समस्या पर अंकुश लगाने की कोशिश करता आया है ताकि सुनिश्चित हो कि कोई भी दो पैन कार्डों के जरिये टैक्स चोरी नहीं कर सके।

पूर्व में ऐसे कई मामले देखने को मिले, जहां कर चोरी और कालाधन मामलों की जांच में जांचकर्ताओं ने पाया कि आर्थिक अपराध को अंजाम देने के लिए नकली पैन कार्ड का उपयोग किया गया।


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