काले धन के सुरक्षित ठिकाने नहीं रहेंगे स्विस बैंक
अब तक काले धन की सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले स्विस बैंक अब अपने रईस ग्राहकों को अपने अघोषित धन को छिपाने का आसान रास्ता नहीं देंगे। दावोस में विश्व आर्थिक सम्मेलन में स्विस बैंकरों ने अपनी बैंकिग प्रणाली में कानूनी सुधार का आश्वासन दिया है। विश्व की आर्थिक शक्तियों
दावोस। अब तक काले धन की सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले स्विस बैंक अब अपने रईस ग्राहकों को अपने अघोषित धन को छिपाने का आसान रास्ता नहीं देंगे। दावोस में विश्व आर्थिक सम्मेलन में स्विस बैंकरों ने अपनी बैंकिग प्रणाली में कानूनी सुधार का आश्वासन दिया है। विश्व की आर्थिक शक्तियों के दबाव के बीच स्विस बैंक की नीतियों में बदलाव से भारतीय उद्योग जगत के कुछ लोगों का मन खट्टा हो सकता है।
स्विटजरलैंड के वित्त मंत्री ने भी भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली को आश्वासन दिया है कि करों के मामले में उनका देश भारत के साथ पूरा सहयोग करेगा। इस बीच, दावोस सम्मेलन में बड़ी तादाद में भारतीय उद्यमी व रईस मौजूद रहे, जो बैंकरों और स्विस बैंकों के बड़े-छोटे अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे थे। हालांकि ये सफाई और दुहाई भी देते जा रहे थे कि ये मुलाकातें वेल्थ मैनेजमेंट के लिए नहीं बल्कि कारपोरेट बैंकिंग के लिए की जा रही हैं।
स्की रिजार्ट के लिए मशहूर दावोस हमेशा से ही स्विटजरलैंड के वित्तीय संस्थानों के बैंकरों के लिए अपने नए क्लाइंट बनाने व पुराने ग्राहकों के साथ नया धंधा जमाने के लिए उपयुक्त स्थान रहा है। हालांकि वैश्विक मंदी के बावजूद स्विस बैंकों की खुफिया गतिविधियां इस बार भी दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक सम्मेलन के दौरान जारी रहीं। भारत समेत दुनिया भर से आए लोगों को जोड़ने के प्रयास हुए।
भारत स्विटजरलैंड समेत अन्य देशों से द्विपक्षीय समझौता करेगा, जिससे भविष्य में काले धन के कारोबारियों की जानकारी स्वत: हस्तांतरित हो सके। स्वतंत्र रूप से स्विस खाताधारकों के बारे में पर्याप्त सबूत एकत्र हो चुके हैं।
-अरुण जेटली, वित्त मंत्री