माइक्रोमैक्स की शर्मिदगी और गौरव की कहानी
सस्ते से लेकर महंगे मोबाइल हैंडसेट बाजार में भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स ने देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों को कड़ी दी है। लेकिन आलिया घटना से इस तेजी से उभरी मोबाइल कंपनी सबको चौका दिया। दिल्ली की एक अदालत ने माइक्रोमैक्स के प्रमोटर राजेश अग्रवाल तथा चार लोकसेवकों सहित छह अन्य को 30 लाख रुपये रिश्वत देन
नई दिल्ली। सस्ते से लेकर महंगे मोबाइल हैंडसेट बाजार में भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स ने देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर दी है। लेकिन हालिया घटना से इस तेजी से उभरी मोबाइल कंपनी ने सबको चौका दिया है।
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दिल्ली की एक अदालत ने माइक्रोमैक्स के प्रमोटर राजेश अग्रवाल तथा चार लोकसेवकों सहित छह अन्य को 30 लाख रुपये रिश्वत देने के एक मामले में सात दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। आइए जानते हैं कि माइक्रोमैक्स में इस वक्त किस तरह कि हलचल चल रही है। साथ ही कंपनी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां :-
- माइक्रोमैक्स टेक्नोलॉजी के प्रोमोटर राजेश अग्रवाल को सीबीआई ने दिल्ली नगर निगम के दफ्तर में रिश्वत देते हुए रंगेहाथ पकड़ा। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने एमसीडी के जूनियर इंजीनियर कपिल देव के घर से 73.90 लाख रुपये बरामद किए हैं। इस मामले में माइक्रोमैक्स के दो मालिकों समेत अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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- माइक्रोमैक्स ने जारी बयान में कहा कि राजेश अग्रवाल ने अपना पद छोड़ दिया है और वह खुद पर लगे आरोपों से निपटने के लिए कानूनी प्रक्रिया में समय बिता रहे हैं।
- सीबीआई ने कहा कि अग्रवाल और कुछ एमसीडी अधिकारियों से हुई पूछताछ में पता चला कि रिश्वत की रकम 50 लाख रुपये थी, लेकिन बोलभाव के बाद यह रकम 30 लाख रुपये तक पहुंच गई थी।
- अग्रवाल ने माइक्रोमैक्स को साल 2000 में एक आईटी सॉफ्टवेयर फर्म के रूप में शुरू किया था। 2008 में माइक्रोमैक्स ने हैंडसेट बाजार में कदम रखा और वर्तमान में उसके 60 हैंडसेट मॉडल बाजार में मौजूद हैं। कंपनी ने डाटा कार्ड, टैबलेट और एलईडी टीवी भी बनाना शुरू कर दिया है।
- बेहद प्रतिस्पर्धी माहौल में आने के बावजूद 2010 तक माइक्रोमैक्स देश की एक बड़ी मोबाइल हैंडसेट निर्माता बन गई। अप्रैल 2013 में जारी सीएमआर रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्मार्टफोन बाजार में माइक्रोमैक्स की कुल हिस्सेदारी 24 फीसद हो चुकी है।
- माइक्रोमैक्स ज्यादातर हैंडसेट चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया में बनाती है।
- ग्लोबल हैंडसेट वेंडर मार्केट शेयर रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे बड़े मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं में माइक्रोमैक्स 12वें स्थान पर है।
- जुलाई 2011 में बाजार की स्थिति खराब होने से माइक्रोमैक्स ने वापस ले लिए थे 466 करोड़ रुपये।
- कंपनी बद्दी स्थित अपनी फैक्टरी में कुछ मोबाइल हैंडसेट बनाने की योजना बना रही है।
- माइक्रोमैक्स के देश भर में 23 दफ्तर हैं। कंपनी ने हांगकांग और दुबई में भी ऑफिस खोला है। वर्तमान में करीब 1900 कर्मचारी कंपनी के साथ जुड़े हैं।