नकदी की आदत छोड़ें, डेबिट कार्ड अपनाएं
ज्यादातर विकसित देशों में काफी हद तक कैशलेस लेनदेन होने लगा है। मगर भारत में अब भी नकदी का जोर है। यहां 90 फीसद लेनदेन नकदी में होता है। क्या एक व्यक्ति के रूप में आप कैशलेस होना पसंद करेंगे? क्या वाकई यह आपको पसंद आएगा?
ज्यादातर विकसित देशों में काफी हद तक कैशलेस लेनदेन होने लगा है। मगर भारत में अब भी नकदी का जोर है। यहां 90 फीसद लेनदेन नकदी में होता है। क्या एक व्यक्ति के रूप में आप कैशलेस होना पसंद करेंगे? क्या वाकई यह आपको पसंद आएगा?
इन दिनों हर कोई कैशलेस इकोनॉमी की बात कर रहा है। फिर चाहे नियामक हो, सरकार हो या बैंक। नकदी का चलन कम होने से अर्थव्यवस्था को कई फायदे मिलेंगे। इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और कर चोरी घटेगी। नतीजतन काले धन की समस्या पर अंकुश लगेगा। इसके अलावा अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रभाव कम होगा। और सबसे बड़ी बात, इससे नकद सौदों पर आने वाली लागत में भारी कमी आएगी।
वैसे तो अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ये वजहें काफी हैं। मगर क्या एक व्यक्ति के रूप में आप कैशलेस होना पसंद करेंगे? क्या वाकई यह आपको पसंद आएगा? ज्यादातर विकसित देशों में काफी हद तक कैशलेस लेनदेन होने लगा है। मगर भारत में अभी भी नकदी का जोर है और 90 फीसद लेनदेन नकदी में होता है। आखिर नकदी के इस दबदबे पर हम कैसे काबू पाएं। इस बारे में एक उपाय है जिससे कैशलेस की इस लड़ाई को काफी हद तक जीता जा सकता है। नहीं, यह ई-वालेट का नया तरीका नहीं है। जरा अपने असली व भौतिक बटुए को देखिए। शायद आप सबसे बड़ा लड़ाका साथ में लेकर चलते हैं। जी हां, मैं बेचारे डेबिट कार्ड की बात कर रहा हूं।
आज की तारीख में देश में तकरीबन 55 करोड़ डेबिट कार्ड चलन में हैं। देश में 60 करोड़ वयस्कों को देखते हुए यह बहुत बड़ा आंकड़ा है। ये 55 करोड़ ग्राहक यदि चाहें तो डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके अपने खर्चों के बड़े हिस्से को कैशलेस कर सकते हैं। मगर हकीकत यह है कि इनमें से केवल दस फीसद ही डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं। बाकी केवल एटीएम से नकदी निकालने के लिए ही इस कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
आखिर ऐसा क्यों? क्यों लोग डेबिट कार्ड का इस्तेमाल खरीदारी में करने से बचते हैं? इसके कई कारण हैं :
पहला, लोगों में डेबिट कार्ड से खरीदारी को लेकर जागरूकता का अभाव है। कुछ ग्राहकों को पता ही नहीं कि जो कार्ड उनके पास है, उसका उपयोग वे दुकानदार अथवा ई-कॉमर्स साइट पर कर सकते हैं। ज्यादातर को जानकारी है, लेकिन वे हिचकते है। उन्हें लगता है ऐसा करना ठीक नहीं रहेगा। इसलिए मेरी सलाह है कि यदि आपके पास डेबिट कार्ड है तो उसका इस्तेमाल करिए।
दूसरा, दुकानदारों की ओर से इसकी अस्वीकार्यता। बहुत कम दुकानदार हैं, जो कार्ड स्वीकार करते हैं। खासकर छोटे शहरों में तो मना कर देते हैं। हालांकि यह स्थिति तेजी से बदल रही है। पूरे देश में दुकानदार कार्ड स्वैपिंग के टर्मिनल लगा रहे हैं। ई-कॉमर्स का पूरा बिजनेस कार्ड के भरोसे ही हो रहा है। तीसरी वजह कार्ड लेनदेन के प्रति सुरक्षा को लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं। जैसे कि क्या हमारे कार्ड से जुड़ी सूचनाएं सुरक्षित हैं? कार्ड इस्तेमाल करेंगे तो कहीं लोगों को मेरे बैंक खाते का पता तो नहीं चल जाएगा? ग्राहकों के लिए वित्तीय सुरक्षा सबसे अहम है। मगर भारत में विश्व की सबसे सुरक्षित भुगतान प्रणाली है। दिसंबर, 2013 के बाद से रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत डेबिट कार्ड से खरीदारियों के लिए एटीएम पिन दर्ज करना अनिवार्य है। इससे सुरक्षा बढ़ गई है। अनेक कार्ड अब एएमवी चिप फार्मेट में भी आने लगे हैं, जो विश्व में कार्ड सुरक्षा का सबसे प्रचलित स्वरूप है। बैंक भी अपनी तरफ से कई तरह के सुरक्षा उपायों को लागू कर रहे हैं। उदाहरण के लिए नए एक्सिस बैंक सिक्योर+ डेबिट कार्ड को ही लीजिए। इस कार्ड को कभी भी चालू (ऑन) और बंद (ऑफ) करने की सुविधा है। क्रेडिट लिमिट को भी घटा-बढ़ा सकते हैं। कार्ड को इंटरनेट फ्रॉड से बचाने के उपाय भी हैं।
कार्ड की जानकारी कभी न दें
डेबिट कार्ड को सुरक्षित बनाने के लिए खुद भी कुछ सरल उपाय अपना सकते हैं। अपने कार्ड पिन को किसी को न बताएं। कार्ड के पीछे इसे कभी न लिखें। फोन पर कोई कार्ड के बारे में जानकारी मांगे तो कभी न दें। चाहे वह बैंक का व्यक्ति ही क्यों न हो। आपका बैंक आपसे फोन या ईमेल पर कभी इस तरह की जानकारी नहीं मांगेगा।
ऑनलाइन खरीद के वक्त हमेशा लॉक साइन को देखें। और सुरक्षा चाहते हैं तो साधारण मैग्नेटिक कार्ड की जगह चिप वाला कार्ड प्राप्त करें। सीधी सी बात है जब आप नकदी रखते हैं तो हमेशा उसकी सुरक्षा का ख्याल रखते हैं कि नहीं? इसी तरह की सजगता डेबिट कार्ड के मामले में भी जरूरी है। इसलिए अगली बार जब आप खरीदारी के लिए निकलें तो नकदी के बजाय डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें।
डेबिट कार्ड के कई फायदे
1. यह सुविधाजनक है
आखिर पर्स में नोट और सिक्के भरकर क्यों चलें जब सारी खरीदारी सिर्फ एक प्लास्टिक कार्ड से हो सकती है।
2. यह सुरक्षित है
पर्स खोने पर आपकी नकदी चली जाती है। डेबिट कार्ड खोने पर बैंक को एक फोन से पैसा भी सुरक्षित रहता है और नया कार्ड भी आ जाता है। पिन आधारित पुष्टिकरण व्यवस्था होने से डेबिट कार्ड को चुराना तब तक बेकार है, जब तक कि चोर के पास पिन न हो।
3. ब्याज की कमाई
आखिर बड़ी मात्रा में नकदी निकालकर रखने का क्या फायदा? इस पैसे को खाते में रहने दीजिए। उस पर ब्याज कमाइए। जब जरूरत पड़े तो बस डेबिट कार्ड स्वाइप कीजिए।
4. डील और ऑफर पाएं
क्या आपने महसूस किया है कि कार्ड से भुगतान करने पर कितने तरह के ऑफर का फायदा उठाया जा सकता है? इन ऑफर्स को तैयार करने में आपका बैंक काफी समय व धन खर्च करता है, तो फिर उन्हें बेकार क्यों जाने दें?
5. मुफ्त का मिलता बीमा
ज्यादातर बैंक अपने डेबिट कार्ड पर मुफ्त बीमा प्रदान करते हैं। मगर उसका फायदा लेने के लिए आपको कार्ड इस्तेमाल में लाना होगा।
6. खरीदारी में सुरक्षा
दुकानदार ने वादे के मुताबिक सामान घर पर नहीं पहुंचाया है या खराब सामान पहुंचाया है तो डेबिट कार्ड इसमें भी मददगार है। अगर कार्ड से भुगतान किया है तो आपके पास सौदा कैंसिल करने (चार्ज बैक) का विकल्प होता है। आप सीधे-सीधे गलत बिलिंग, अनधिकृत सौदे वगैरह को चार्ज बैक कर सकते हैं।
जयराम श्रीधरन
प्रेसीडेंट एवं हेड
रिटेल लेंडिंग व पेमेंट्स
एक्सिस बैंक
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