Move to Jagran APP

बाजार पर चीन के सस्ते स्टील का कब्जा, भारत में घटा स्टील आयात

चीन जैसे देशों से आ रहे सस्ते स्टील उत्पादों की बाढ़ से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनका असर स्टील उत्पादों के आयात पर नजर आने लगा है। इस साल जनवरी में स्टील के आयात में 8.7 फीसद की कमी आई है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2016 07:56 PM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2016 08:08 PM (IST)
बाजार पर चीन के सस्ते स्टील का कब्जा, भारत में घटा स्टील आयात

नई दिल्ली। चीन जैसे देशों से आ रहे सस्ते स्टील उत्पादों की बाढ़ से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इनका असर स्टील उत्पादों के आयात पर नजर आने लगा है। इस साल जनवरी में स्टील के आयात में 8.7 फीसद की कमी आई है। यह दीगर है कि चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले 11 महीनों यानी अप्रैल से जनवरी की अवधि में स्टील उत्पादों के आयात में 24.1 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। स्टील मंत्रालय के एक पैनल ने नवीनतम आंकड़ों के आधार यह जानकारी दी है।

loksabha election banner

पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत स्टील का शुद्ध आयातक रहा है। नवंबर में स्टील आयात घटा था। इसके बाद दिसंबर में यह 23 फीसद बढ़ गया। जून, 2015 से सरकार ने घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने के लिए कई तरह के कदम उठाने शुरू कर दिए थे। सबसे पहले चीन के कुछ स्टील उत्पादों पर 316 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाया। अगस्त में लोहे और स्टील पर आयात शुल्क ढाई फीसद बढ़ा दिया। सितंबर में कुछ उत्पादों पर 20 फीसद की 200 दिनों के लिए अस्थायी सेफगार्ड ड्यूटी लगा दी।

पिछले हफ्ते सरकार ने कई स्टील उत्पादों की न्यूनतम आयात कीमत (एमआइपी) तय कर दी। यानी इससे कम मूल्य पर स्टील आयात नहीं किया जा सकेगा। पंद्रह साल बाद सरकार ने एमआइपी का इस्तेमाल किया है। ग्लोबल स्तर पर स्टील के सस्ते होने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में खासी गिरावट आई।

स्टील सेक्टर के लिए मांगा पैकेज

नई दिल्ली : बेहद कम कीमत पर आ रहे स्टील के आयात ने घरेलू उद्योग को मुसीबत में डाल रखा है। सरकार के तमाम कदमों के बावजूद स्टील आयात में खास कमी नहीं आ रही है। ऐसे में घरेलू स्टील उद्योग ने वित्त मंत्रालय से अपने लिए एक वित्तीय पैकेज मांगा है। उद्योग चैंबर आइसीसी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है।

संरक्षण के विरोध में भी उठे स्वर

इसके उलट प्रोसेस प्लांट निर्माताओं की शीर्ष संगठन पीपीएमएआइ ने स्टील सेक्टर को अत्यधिक संरक्षण देने का विरोध किया है। संगठन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। उसकी दलील है कि संरक्षण की वजह से कैपिटल गुड्स इंडस्ट्री और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रोसेस प्लांट निर्माताओं में लार्सन एंड टुब्रो, गोदरेज, थर्मेक्स, प्रज इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.