केंद्र से एफएसएसएआइ का मंत्रालय बदलने की मांग
देश भर में मैगी विवाद को लेकर मचे हंगामे के बाद अधिकांश राज्यों ने केंद्र सरकार से खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआइ को उपभोक्ता मंत्रालय के हवाले करने की मांग की है। फिलहाल नियामक स्वास्थ्य मंत्रालय की देखरेख में है। राज्यों ने प्रसंस्कृत खाद्य सामग्री के बेहतर विनियमन के लिए मंत्रालय
नई दिल्ली। देश भर में मैगी विवाद को लेकर मचे हंगामे के बाद अधिकांश राज्यों ने केंद्र सरकार से खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआइ को उपभोक्ता मंत्रालय के हवाले करने की मांग की है। फिलहाल नियामक स्वास्थ्य मंत्रालय की देखरेख में है। राज्यों ने प्रसंस्कृत खाद्य सामग्री के बेहतर विनियमन के लिए मंत्रालय परिवर्तन की मांग की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की निगरानी में आने वाला भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआइ) मैगी विवाद के जोर पकड़ने के बाद से समाचारों में बना रहा।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'झारखंड, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश ने मांग की है कि एफएसएसएआइ को केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय को सौंपा जाए और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास नहीं रखा जाए। अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस मांग का एक सुर से समर्थन किया है।'
उन्होंने हालांकि राज्य सरकारों द्वारा की गई इस संबंध में मांग पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। महंगाई के मुद्दे पर राज्य खाद्य मंत्रियों की बैठक के दौरान एफएसएसएआइ मुद्दा उठाया गया। बैठक में करीब 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया।
झारखंड के खाद्य मंत्री सूर्य राय ने कहा, 'खाद्य मामलों के जुड़े होने के कारण एफएसएसएआइ केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय का हिस्सा होना चाहिए।' स्वास्थ्य मंत्रालय की तरह उपभोक्ता मंत्रालय भी खाद्य सुरक्षा की जांच करने के लिए आधुनिक प्रयोगशाला से लैस है और इसके साथ ही अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपभोक्ता अदालत है।