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महंगाई रोकने को उतरी सरकार

केंद्र ने राज्य सरकारों को आवश्यक वस्तुओं की महंगाई रोकने में सख्ती व मुस्तैदी दिखाने को कहा है। जमाखोरों व कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़े प्रावधानों के साथ खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में सुधार लाने की हिदायत दी गई है। दाल समेत अन्य जिंसों की महंगाई के बीच आयोजित

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 09:25 PM (IST)
महंगाई रोकने को उतरी सरकार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र ने राज्य सरकारों को आवश्यक वस्तुओं की महंगाई रोकने में सख्ती व मुस्तैदी दिखाने को कहा है। जमाखोरों व कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़े प्रावधानों के साथ खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति में सुधार लाने की हिदायत दी गई है। दाल समेत अन्य जिंसों की महंगाई के बीच आयोजित खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन में खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने राज्यों से महंगाई से निपटने के लिए कमर कसकर तैयार रहने को कहा है।

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खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता पासवान व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से की। सिंह ने कहा कि मानसून कमजोर होने के पूर्वानुमान को देखते हुए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण योजना शुरू की है। जबकि बाजार हस्तक्षेप योजना पहले से ही चल रही है। इससे वस्तुओं के मूल्य नहीं बढ़ने पाएंगे। राज्य सरकारों से कहा गया कि वे अपने नागरिक आपूर्ति, निगमों और सहकारी समितियों को खाद्यान्न वितरण के बंदोबस्त के लिए मजबूत बना लें। अपने गोदामों में पर्याप्त अनाज का भंडारण भी कर लें, ताकि जरूरत के समय आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

खाद्य मंत्री पासवान ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों से कहा, 'अतार्किक तरीके से हम महंगाई नहीं बढ़ने देंगे।' राज्य सरकारों को चाहिए कि वे जमाखोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने दावा किया, 'प्याज व दालों के मूल्य को छोड़कर बाकी जिंसों के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई है।' लिहाजा दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है। देश की घरेलू जरूरतों के लिए अनाज का पर्याप्त स्टॉक है। महंगाई की एक बड़ी वजह जमाखोरी है। राज्य के खाद्य सचिवों को सलाह देने के अंदाज में कहा कि जुलाई से नवंबर के बीच मांग व आपूर्ति में असंतुलन होने की दशा में जमाखोर व कालाबाजारी करने वाले अति सक्रिय हो जाते हैं। इस दौरान मुस्तैदी बरतनी बहुत जरूरी है। पासवान ने बताया कि केंद्र ने दाल व प्याज की महंगाई के मद्देनजर कई एहतियाती कदम उठाए हैं। राज्यों को चाहिए कि वे इस अहम मौके पर सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

पिछले साल दलहन की पैदावार में 20 लाख टन की कमी के चलते दाल के खुदरा मूल्य में पिछले सालभर में 60 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है। दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आयात की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उड़द व अरहर दाल विदेश से मंगाई जा रही है। प्याज व दालों की स्टॉक सीमा की मियाद को सालभर के लिए और बढ़ा दिया गया है।

दाल की कीमत पहले - अब

अरहर 75 - 140

मसूर 70 - 140

उड़द 85 - 120

चना 65 - 95

मूंग (धूली) 85 - 160

(दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में दालों की खुदरा कीमत)

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