एसएंडपी की राय: ठंडा पड़ा निवेश, मगर कर्ज बाजार में तेजी
नीतिगत अड़चनें और नौकरशाही निवेश की राह में अब भी सबसे बड़ी बाधा हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने इन्हें भारत के लिए जमीनी चुनौती करार दिया है। भारत के हालात अलग हैं। यहां कॉरपोरेट आय करीब-करीब स्थिर हो गई है, लेकिन डेट मार्केट में तेजी बनी
मुंबई। नीतिगत अड़चनें और नौकरशाही निवेश की राह में अब भी सबसे बड़ी बाधा हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने इन्हें भारत के लिए जमीनी चुनौती करार दिया है। भारत के हालात अलग हैं। यहां कॉरपोरेट आय करीब-करीब स्थिर हो गई है, लेकिन डेट मार्केट में तेजी बनी हुई और निवेश ठंडा पड़ता जा रहा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'सरकारी नीतियों के मामले में आ रही दिक्कतों और नौकरशाही संबंधी परेशानियों की वजह से निवेश बाधित हुआ है। अब चुनौती मौजूदा संपत्तियों से संभावित आय के दोहन की है।'
चुनौतीयों के बीच उम्मीद
एसएंडपी ने हफ्ते भर पहले ही कहा था कि राजकोषीय कमजोरी की वजह से भारत की क्रेडिट प्रोफाइल पर दबाव बना हुआ है। इस एजेंसी ने भारत के लिए आउटलुक स्थिर रखते हुए इसे 'बीबीबी-' रेटिंग दी हुई है, जो जंक ग्रेड (कबाड़) से थोड़ा ही ऊपर है। एक दूसरी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आउटलुक बढ़ाकर सकारात्मक करते हुए कहा है कि अगले एक-डेढ़ साल में रेटिंग बढ़ाई जा सकती है।
एजेंसी की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और इंडोनेशिया के साथ-साथ भारत में भी गैरजरूरी उपभोक्ता सामान, एनर्जी, इंडस्ट्री और माइनिंग सेक्टर की चुनौतीयां बरकरार हैं। इसके बावजूद डेट मार्केट गुलजार है, लेकिन निवेश घटता जा रहा है।
बढ़ा बाहरी कर्ज
वित्त मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर में खत्म छमाही के दौरान देश का कुल बाहरी कर्ज 15.5 अरब डॉलर बढ़कर 461.9 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था। बाहरी कॉमर्शियल उधारी और प्रवासी भारतीयों (एनआरआइ) की तरफ से डिपॉजिट बढ़ना इसकी अहम वजहें रहीं।