सोयाबीन की कीमतों में नरमी, पिछले दो हफ्तों में 11 फीसद की गिरावट
दालों की बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर यह है कि पिछले दो हफ्तों से सोयाबीन की थोक कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। मंडियों में सोयाबीन की जोरदार आवक की वजह से पिछले दो हफ्तों में इसकी कीमत में 11 फीसदी की कमी
नई दिल्ली। दालों की बढ़ती कीमतों के बीच उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर यह है कि पिछले दो हफ्तों से सोयाबीन की थोक कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। मंडियों में सोयाबीन की जोरदार आवक की वजह से पिछले दो हफ्तों में इसकी कीमत में 11 फीसदी की कमी देखी गई है।
वायदा बाजार में दो सप्ताह पहले 8 मई को सोयाबीन की कीमतें 4,400 रुपये बोली जा रही थी जो इस समय गिरकर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे है। मंडियों में आवक बढऩे के कारण हाजिर बाजार में भी सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले दो सप्ताहों में हाजिर बाजार में सोयाबीन की कीमतें करीब 600 रुपये गिरकर 3,900 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई हैं।
जानकारों के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी इस वक्त सोयाबीन की कीमतें कम है। दूसरी तरफ मॉनसून के समय पर आने के कारण अगली फसल भी अच्छी होने की उम्मीद है। इसलिए सोयाबीन की कीमत कम हो रही है।
गौरतलब है कि दो हफ्ते पहले तक सोयाबीन की कीमत तेजी से बढ़ रही थी। लेकिन 8 अप्रैल को सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने एनसीडीईएक्स पर सट्टेबाजी का सीधा आरोप लगाया था और उसी के बाद कीमतें गिरना शुरू हो गईं। सोपा ने उस समय बयान जारी करके कहा था कि सटोरियों के द्वारा बाजार में अफवाह फैलाई जा रही है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से देश में सोयाबीन की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है जबकि ऐसा नहीं है।
नवंबर 2014 में 104 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था और ताजा आकलन में पाया गया है कि देश में 100 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन होगा। महाराष्ट्र को छोड़ कर दूसरे राज्यों के अनुमान में कोई बदलाव नहीं है। महाराष्ट्र में सोयाबीन का उत्पादन 30 लाख टन से घटकर 26 लाख टन रहने का अनुमान है।