फंसे कर्जो की भेंट चढ़ी एसबीआइ की कमाई
एसबीआई की कमाई फंसे कर्जों की भेंट चढ़ी, वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में देश के इस दिग्गज बैंक का शुद्ध लाभ 66.2 फीसद घटकर 1,264 करोड़ रुपये रह गया।
कोलकाता, प्रेट्र। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की कमाई फंसे कर्जों यानी एनपीए की भेंट चढ़ गई। बीते वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में देश के इस दिग्गज बैंक का शुद्ध लाभ 66.2 फीसद घटकर 1,264 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2014-15 की समान तिमाही में एसबीआइ का मुनाफा 3,741 करोड़ रुपये था।
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जनवरी-मार्च की समीक्षाधीन तिमाही में एसबीआइ की ब्याज आय 3.9 फीसद बढ़कर 15,291 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही दर तिमाही आधार पर एसबीआइ का ग्रॉस एनपीए (बैड लोन या फंसा कर्ज) 5.1 से बढ़कर 6.5 फीसद हो गया। इसी तरह नेट एनपीए 2.89 से बढ़कर 3.81 फीसद हो गया। मसलन, ग्रॉस एनपीए 72,791.73 करोड़ से बढ़कर 98,172.8 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। नेट एनपीए भी 40,249.12 करोड़ से बढ़कर 55,807 करोड़ रुपये हो गया।
30,312 करोड़ का नया एनपीए
तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च के दौरान एसबीआइ को एनपीए पर प्रॉविजनिंग 7,949 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,174 करोड़ रुपये करनी पड़ी। इस दौरान नए एनपीए का आंकड़ा 20,692 करोड़ से बढ़कर 30,312 करोड़ रुपये हो गया। एसबीआइ की मुखिया अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा कि करीब 31,000 करोड़ रुपये के कर्ज से जुड़े खातों का विशेष निगरानी सूची में डाला गया है। खास बात यह है कि 30 हजार करोड़ के एनपीए में सिर्फ 1,000 करोड़ रुपये का ही योगदान किसानों और लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) का है। जबकि एनपीए में बदलने वाले कर्ज में बड़ी और मझोली कंपनियों की हिस्सेदारी 29,000 करोड़ रुपये है।
बैंक की अन्य आय बढ़ी
साल दर साल आधार पर चौथी तिमाही में एसबीआइ की अन्य आय 8,515 करोड़ से बढ़कर 10,696 करोड़ रुपये की हो गई। एसबीआइ के मुताबिक समीक्षाधीन तिमाही की अन्य आमदनी में 2,034 करोड़ रुपये का फॉरेक्स से जुड़ा मुनाफा भी शामिल है।
केनरा को 3,905 करोड़ घाटा
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 3,905 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही में इस सरकारी बैंक ने 613 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। जनवरी-मार्च तिमाही में केनरा बैंक की ब्याज आय 4.5 फीसद घटकर 2,374 करोड़ रुपये रह गई। इस दौरान बैंक का ग्रॉस एनपीए 5.84 से बढ़कर 9.4 फीसद और नेट एनपीए 3.9 से बढ़कर 6.42 फीसद हो गया। मसलन, ग्रॉस एनपीए 19,813 करोड़ से बढ़कर 31,638 करोड़ रुपये हो गया। नेट एनपीए 12,940 करोड़ से बढ़कर 20,833 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।