अडानी को कर्ज देने का फैसला सही
आस्ट्रेलिया में अडानी समूह के कोयला खनन परियोजना को कर्ज देने के मसले के राजनीतिक रंग पकड़ते देख एसबीआइ भी बचाव में उतर आया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा है कि उनके बैंक ने काफी सोच-समझ कर कोयला खान खरीदने के लिए अडानी समूह
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आस्ट्रेलिया में अडानी समूह के कोयला खनन परियोजना को कर्ज देने के मसले के राजनीतिक रंग पकड़ते देख एसबीआइ भी बचाव में उतर आया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा है कि उनके बैंक ने काफी सोच-समझ कर कोयला खान खरीदने के लिए अडानी समूह को कर्ज देने के वास्ते सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। बैंक को यह काफी संभावनाओं वाली परियोजना लग रही है। एसबीआइ ने इस बारे में कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगाए जा रहे हर आरोप को गलत करार दिया है। हालांकि एसबीआइ अध्यक्ष का यह भी कहना है कि अभी सिर्फ कर्ज देने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं, परियोजना के हर पहलू पर गहराई से विचार के बाद ही कर्ज दिया जाएगा।
मोदी के आस्ट्रेलिया दौरे में हुआ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान अडानी समूह की तरफ से वहां के एक राज्य क्वींसलैंड में कोयला खान खरीदने की योजना को कर्ज देने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुआ। करीब 6200 करोड़ रुपये (एक अरब अमेरिकी डॉलर) का यह कर्ज भारतीय स्टेट बैंक द्वारा अडानी समूह को दिया जाएगा।
सवालिया निशान लगाया
बृहस्पतिवार को कांग्रेस ने इस समझौते की आड़ में प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वह आम जनता के पैसे से उद्योगपतियों की मदद कर रहे हैं। कांग्रेस ने एक प्रमुख विदेशी पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि इस परियोजना को दुनिया की कोई भी अन्य वित्तीय एजेंसी कर्ज नहीं दे रही थी।
एसबीआइ ने फायदे का सौदा बताया
बहरहाल, जब भïट्टाचार्य से इन आरोपों के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि बाकी बैंकों ने क्यों नहीं कर्ज दिया? यह तो उनसे ही पूछना चाहिए। लेकिन एसबीआइ को लगता है कि यह फायदे का सौदा है। इस परियोजना के पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के बारे में उन्होंने स्वयं क्वींसलैंड के उप प्रधानमंत्री से बात की। जिसमें क्वींसलैंड के उप प्रधानमंत्री ने बताया कि पर्यावरण के लिहाज से इस परियोजना को पूरी तरह से हरी झंडी मिली हुई है।
सस्ती दर पर मिलेगा कोयला
एसबीआइ प्रमुख के अनुसार परियोजना से बेहतर क्वालिटी के कोयले का उत्पादन होगा। जिसकी कीमत 42 डॉलर प्रति टन के करीब होगी। जबकि भारत अभी भी दुनिया के कई देशों से 62 डॉलर प्रति टन की दर से कोयला ले रहा है। इस परियोजना का दो तिहाई हिस्सा सस्ते दर पर कोयला भारत लाया जाएगा। भïट्टाचार्य ने कहा कि भारत में कोयले की खपत आने वाले दिनों में काफी बढऩे के आसार हैं, तब यह काम आएगा।
'कांग्रेस का आरोप निराधार है। एसबीआइ ने अभी अडानी समूह को लोन नहीं दिया है। दोनों पक्षों के बीच केवल सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुआ है। वित्तीय व व्यावसायिक हित सुनिश्चित करने के बाद कर्ज देने के बारे में बैंक फैसला लेगा। सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं।' -रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री