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सहारा ने विदेश की तीन होटलों के लिए 1.3 अरब डॉलर की बोली ठुकराई

यह ब्रिटेन के इतिहास में होटल खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली है। उनके लिए यह दीर्घकालिक निवेश का मौका है। इसे स्वीकार करना या न करना अब सुब्रत राय व सुप्रीम कोर्ट के ऊपर है

By Anand RajEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 08:47 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 10:46 PM (IST)
सहारा ने विदेश की तीन होटलों के लिए 1.3 अरब डॉलर की बोली ठुकराई

नई दिल्ली, (प्रेट्र)। सहारा समूह को उसके तीन विदेशी होटलों के लिए 1.3 अरब डॉलर (करीब 8,700 करोड़ रुपये) की पेशकश की गई, मगर ग्रुप ने इसे ठुकरा दिया। यह ऑफर ब्रिटेन के जसदेव सग्गर के नेतृत्व वाली 3-एसोसिएट्स और मध्यपूर्व की कुछ कंपनियों के कंसोर्टियम ने दिया था। समूह ने इसे उसकी संपत्तियों की कीमत कम करने की शातिराना कोशिश बताया है। उसने कहा कि यह उन बोली लगाने वालों को प्रभावित करने का प्रयास है, जो इनके लिए ज्यादा ऊंची बोली लगा रहे हैं। इन होटलों में लंदन का ग्रोसवेनर हाउस और न्यूयार्क स्थित पार्क प्लाजा व ड्रीम डाउनटाउन शामिल हैं।

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कुछ कंपनियों के कंसोर्टियम की इस ताजा पेशकश पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए सहारा समूह ने कहा कि यह कुछ गलत लोगों की ओर से दुर्भावना से की गई बाजार को बिगाड़ने की चाल है। ऐसी अटकलें हैं कि इस नई पेशकश से बिडिंग वॉर छिड़ सकता है, क्योंकि समूह पहले ही कतर के निवेशकों समेत कुछ फर्मो से इन होटलों की बिक्री को लेकर बात कर रहा है।

वैसे, सहारा की ओर से इन होटलों के लिए मिले अन्य प्रस्तावों का कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। इस बारे में 3-एसोसिएट्स के एमडी सग्गर का कहना है, 'हमने प्रक्रिया का पालन किया है। नियमों का पालन करते हुए बोली सौंपी है। अगर बोली खारिज की गई है तो उन्हें इसकी जानकारी देने की वही प्रक्रिया अपनानी चाहिए।' इससे पहले सग्गर ने कहा था उनकी पेशकश बेहद आकर्षक है।

यह ब्रिटेन के इतिहास में होटल खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली है। उनके लिए यह दीर्घकालिक निवेश का मौका है। इसे स्वीकार करना या न करना अब सुब्रत राय व सुप्रीम कोर्ट के ऊपर है।मुश्किलों से घिरा सहारा समूह फंड जुटाने की भरसक कोशिश कर रहा है।

समूह के मुखिया सुब्रत राय पूंजी बाजार नियामक सेबी के साथ चल रहे विवाद के सिलसिले में दो साल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे। फिलहाल वह जेल से बाहर हैं, मगर उनकी जमानत के लिए समूह को 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने होंगे। हालांकि, इसमें से कुछ राशि का इंतजाम समूह पहले ही कर चुका है।

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