सहारा का म्यूचुअल फंड लाइसेंस रद
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को सहारा म्यूचुअल फंड का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का कहना है कि सहारा समूह अब इस तरह का बिजनेस चलाने के लायक (फिट एंड प्रॉपर) नहीं है।
मुंबई। सहारा समूह की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को सहारा म्यूचुअल फंड का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का कहना है कि सहारा समूह अब इस तरह का बिजनेस चलाने के लायक (फिट एंड प्रॉपर) नहीं है। सेबी ने सहारा म्यूचुअल फंड के ऑपरेशंस दूसरे फंड हाउस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इससे पहले नियामक समूह की एक फर्म का पोर्टफोलियो मैनेजमेंट लाइसेंस भी निरस्त कर चुका है।
अपने नवीनतम आदेश में सेबी ने सहारा म्यूचुअल फंड का पंजीकरण प्रमाणपत्र मंगलवार को एक्सपायर होने के बाद लाइसेंस रद करने को कहा है। नियामक ने यह भी निर्देश दिया है कि सहारा म्यूचुअल फंड और सहारा असेट मैनेजमेंट कंपनी तत्काल प्रभाव से मौजूदा या नए निवेशकों से किसी भी तरह की सब्सक्रिप्शन राशि लेना बंद कर दें। साथ ही सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के कामकाज सेबी से अनुमोदित नए स्पांसर और असेट मैनेजमेंट कंपनी को ट्रांसफर कर दें। अगर सहारा म्यूचुअल फंड पांच महीने के भीतर आदेश का पालन करने में विफल रहता है तो उसे निवेशकों की सारी यूनिटें रिडीम करके उनके पैसे अगले तीस दिनों में लौटाने होंगे।
सहारा समूह और सेबी के बीच लंबे समय से कानूनी विवाद चल रहा है। एक अन्य मामले में सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों को निवेशकों से उगाहे गए पैसे लौटाने का आदेश दिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, जिसने कुछ साल पहले समूह को निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये सूद समेत लौटाने का फैसला दिया था। ये पैसे सेबी के पास जमा कराए जाने थे, मगर सहारा ने पूरी राशि आज तक नहीं जमा कराई। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा प्रमुख सुब्रत राय करीब सवा साल से दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनकी जमानत के लिए शीर्ष अदालत ने 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त लगा रखी है।