100 अरब डॉलर क्लब को 'टाटा'
देश की 100 से ज्यादा साल पुरानी कंपनी अब 100 अरब डॉलर के क्लब से बाहर निकल गई। देश को नमक खिलाने से लेकर बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा समूह का संयुक्त कारोबार डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट आने से घटकर 100 अरब डॉलर के आंकड़े से नीचे आ गया है, हालांकि भारतीय मुद्रा में देखा जाए तो टाट
नई दिल्ली। देश की 100 से ज्यादा साल पुरानी कंपनी अब 100 अरब डॉलर के क्लब से बाहर निकल गई। देश को नमक खिलाने से लेकर बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा समूह का संयुक्त कारोबार डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट आने से घटकर 100 अरब डॉलर के आंकड़े से नीचे आ गया है, हालांकि भारतीय मुद्रा में देखा जाए तो टाटा समूह के राजस्व में 10 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
रुपये के मूल्य में टाटा समूह देश के पहले ऐसे उद्योग घराने के रूप में उभरा है जिसका सालाना कारोबार 5 लाख करोड़ रुपये के पार गया है। 2012-13 में समूह के कर्मचारियों की संख्या 88,000 बढ़कर 5.4 लाख पर पहुंच गई। टाटा समूह की परिचालन वाली कंपनियों की संख्या 100 है। बीते वित्त वर्ष में समूह का कारोबार 10.8 प्रतिशत बढ़कर 5,27,047 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 4,75,721 करोड़ रुपये था।
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हालांकि, वित्त वर्ष 2012-13 में रुपये के मूल्य में आई 14 फीसद की गिरावट की वजह से साल के दौरान डॉलर में कंपनी की आमदनी 3 प्रतिशत से ज्यादा घट गई। अमेरिकी डॉलर में टाटा समूह का कारोबार 2012-13 में घटकर 96.79 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 100.09 अरब डॉलर था। समूह द्वारा प्रकाशित ताजा वित्तीय सूचना में यह जानकारी दी गई है।
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पिछले साल टाटा समूह 100 अरब डॉलर के कारोबार का आंकड़ा पार करने वाला देश का पहला और एकमात्र उद्योग घराना था। 2012-13 में समूह ने 54.45 रुपये प्रति डॉलर की विनिमय दर का इस्तेमाल किया, जो इससे पिछले साल 47.53 प्रति डॉलर थी। समूह ने 2012-13 के लिए अपने कुल मुनाफे का उल्लेख नहीं किया है, वहीं 2011-12 में समूह का कर बाद मुनाफा 9.4 प्रतिशत घटकर 5.23 अरब डॉलर रहा था। वहीं वित्त वर्ष 2011-12 में कंपनी का कारोबार 2010-11 की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़कर 83.3 अरब डॉलर रहा था।