रेलवे की 8.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना
रेलवे की आमदनी का मुख्य स्त्रोत माल ढुलाई है। सरकार अब माल ढुलाई से प्राप्त आमदनी का यात्री कारोबार में सहायता के लिए उपयोग करने जा रही है। इसका जिक्र करते हुए सोमवार को सरकार ने लोकसभा में कहा कि रेलवे का इरादा संसाधन जुटाकर अगले 5 वर्षों में 8.5
नई दिल्ली। रेलवे की आमदनी का मुख्य स्त्रोत माल ढुलाई है। सरकार अब माल ढुलाई से प्राप्त आमदनी का यात्री कारोबार में सहायता के लिए उपयोग करने जा रही है। इसका जिक्र करते हुए सोमवार को सरकार ने लोकसभा में कहा कि रेलवे का इरादा संसाधन जुटाकर अगले 5 वर्षों में 8.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश का है।
लोकसभा में धर्मेंद्र यादव और आनंदराव अडसुल के प्रश्नों के उत्तर में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, 'रेलवे माल ढुलाई में थोड़ा अधिक शुल्क लेती है और यात्री भाड़े में थोड़ा कम शुल्क लेती है।' उन्होंने कहा कि माल ढुलाई से प्राप्त आमदनी का उपयोग यात्री कारोबार में सहायता देने के लिए उपयोग किया जाता है और इस प्रकार से जनता को किफायती यात्री सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि अपर्याप्त बजटीय सहायता और निवेश योग्य अधिशेष के अपर्याप्त आंतरिक सृजन के कारण रेल क्षेत्र में कम निवेश हुआ है। आंतरिक सृजन कम रहा क्योंकि भारतीय रेल को सरकार एवं अन्य विभागों से अपने राजस्व के जरिए संचालन व्यय की स्वयं पूर्ति करनी होती है। प्रभु ने कहा, 'रेलवे महसूस करती है कि नेटवर्क के विस्तार करने और भीड़-भाड़ कम करने के लिए बजटीय सहायता और आंतरिक सृजन से आगामी पूरक संसाधनों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए जाने की जरूरत है। रेल बजट 2015-16 में इसकी शुरुआत की गई है। रेलवे का संसाधन जुटाकर अगले 5 वर्षों में 8.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश के इरादे की घोषणा की है।'