दीवाली के बाद शुरु होगा बजटपूर्व चर्चाओं का दौर
आम बजट महीने भर पहले पेश करने की तैयारियों के बीच वित्त मंत्रालय दीवाली के बाद बजट पूर्व चर्चाओं का दौर शुरु करने जा रहा है। राजस्व विभाग आम बजट 2017-18 के संबंध में उद्योग जगत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम बजट महीने भर पहले पेश करने की तैयारियों के बीच वित्त मंत्रालय दीवाली के बाद बजट पूर्व चर्चाओं का दौर शुरु करने जा रहा है। राजस्व विभाग आम बजट 2017-18 के संबंध में उद्योग जगत के साथ बजट पूर्व चर्चा के साथ इसकी शुरुआत करेगा।
सूत्रों ने कहा कि राजस्व सचिव हसमुख अढिया सात नवंबर को विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर बजटपूर्व चर्चा की शुरुआत करेंगे। माना जा रहा है कि उनकी पहली बैठक ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियों से हो सकती है। सरकार मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।
ऐसे में यह बैठक महत्वपूर्ण होगी। इसके बाद अगली बैठक निर्माण क्षेत्र और रीएल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ हो सकती है। इस समय रीएल एस्टेट क्षेत्र कठिनाई के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में यह क्षेत्र सरकार से प्रोत्साहनों की मांग कर सकता है।
इसके बाद उद्योग संगठन फिक्की, एसोचैम और सीआइआइ आगामी आम बजट के संबंध में कर प्रस्तावों के संबंध में अपने अपने सुझाव सरकार को देंगे। वहीं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के शीर्ष अधिकारी भी अलग से विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व चर्चा करेंगे।
इस बार की बजटपूर्व चर्चा इसलिए भी अहम है क्योंकि सरकार ने एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव किया है। जीएसटी के लागू होने पर कई परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। वैसे अगले वित्त वर्ष के बजट के साथ सरकार बजट प्रक्रिया में कई तरह के बदलाव करने जा रही है। कैबिनेट ने 21 सितंबर को रेल बजट को आम बजट में विलय करने के फैसले को मंजूरी दी है।
केंद्र के इस निर्णय के बाद अलग से रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो जाएगी। इसी तरह आम बजट 2017-18 योजनागत और गैर योजनागत का वर्गीकरण भी खत्म हो जाएगा। सरकार ने फरवरी के अंतिम दिन आम बजट पेश करने की परिपाटी को बदलकर एक महीने पहले ही बजट पेश करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
हालांकि आम बजट किस तारीख को पेश होगा अभी यह निर्णय नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर विचार होना था। हालांकि इस आशय का फैसला नहीं हो सका।
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