रेलवे में ट्राई जैसे रेगुलेटर की जरूरतः सुरेश प्रभु
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे में निजी पूंजी आकर्षित करने के लिए इस संगठन से अलग एक स्वतंत्र रेगुलेटर बनाए जाने की वकालत की है। एक साक्षात्कार में प्रभु ने कहा कि इसके लिए खासतौर पर एक नियामक तंत्र की जरूरत है। इसीलिए एक नियामक व्यवस्था चाहते हैं
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे में निजी पूंजी आकर्षित करने के लिए इस संगठन से अलग एक स्वतंत्र रेगुलेटर बनाए जाने की वकालत की है। एक साक्षात्कार में प्रभु ने कहा कि इसके लिए खासतौर पर एक नियामक तंत्र की जरूरत है। इसीलिए एक नियामक व्यवस्था चाहते हैं, ताकि निजी भागीदारी और सार्वजनिक हितों के बीच संतुलन बना रहे। इससे न तो सार्वजनिक कामकाज प्रभावित होगा और न ही निजी क्षेत्र को अपने निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंता रहेगी। यह रेगुलेटर दूरसंचार क्षेत्र के ट्राई और पूंजी बाजार के नियामक सेबी जैसा होगा।
रेल मंत्री ने कहा, 'मैंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगडि़या से एक रोडमैप का सुझाव देने का अनुरोध किया है। वह हाल ही में मुझसे मिले थे। हमने इस मुद्दे पर चर्चा की। जब एक बार वह इसका खाका तैयार कर लेंगे तो हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हम लोगों की राय समझने के लिए उसे वेबसाइट पर भी डालेंगे।' भारतीय रेल ने क्षमता विस्तार, यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने व हाई-स्पीड रेल सेवा और कुछ अन्य क्षेत्रों में निजी कंपनियों के लिए परियोजनाओं की पेशकश की है।
सॉफ्टवेयर में हेरफेर के जरिये मालगाड़ियों में लदान किए जाने वाले सामानों के वजन को कम करके दिखाने के मामले में हाल ही में सीबीआइ के छापे के बारे में भी प्रभु से सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए यह एक संयुक्त अभियान था। जहां तक यात्री सेगमेंट में गिरावट का सवाल है तो इससे निपटने के लिए एक समेकित रणनीति बनाई जा रही है। उन्होंने माना कि छोटी दूरी की ट्रेनों के यात्रियों की संख्या में कमी आई है।
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