जीएसटी लागू होने पर सस्ते हो सकते वाशिंग मशीन, एयरकंडीशनर
बैठक में जीएसटी की चार दरें- 6 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 26 प्रशित करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल में जीएसटी की दरों को लेकर भी भले ही कोई फैसला नहीं हुआ हो लेकिन इसकी दो दिवसीय बैठक में विभिन्न उत्पादों पर जीएसटी की जिस दर का प्रस्ताव किया गया है उससे वाशिंग मशीन और एयर कंडीशनर जैसे इलैक्ट्रोनिक्स उत्पाद सस्ते हो सकते हैं जबकि रसोई में इस्तेमाल होने वाले कुछ उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं।
बताया जाता है कि एक अप्रैल 2017 से प्रस्तावित जीएसटी के लागू होने पर चिकन, सरसों का तेल, नारियल तेल, मूंगफली, काजू, हल्दी, धनिया, जीरा, बेसन जैसी खाद्य वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। हालांकि बिस्कुट, चॉकलेट और चिप्स जैसी चीजों पर कर बोझ बरकरार रह सकता है।
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 18 से 19 अक्टूबर को हुई बैठक में इस संबंध में चर्चा हुई। इस बैठक में जीएसटी की चार दरें- 6 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 26 प्रशित करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। साथ ही सोने पर चार प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी बैठक में आया है। इस तरह जीएसटी की अधिकतम दर 26 प्रतिशत प्रस्तावित है। हालांकि इस संबंध मंे अंतिम निर्णय 3 और 4 नवंबर की बैठक में होना है।
सूत्रों ने कहा कि रेफ्रिजरेटर, इनवर्टर, इलेक्टि्रक आइरन, टेलीविजन, वाशिंगमशीन और एयरकंडीशनर पर फिलहाल केंद्र और राज्यों का कुल 29 प्रतिशत टैक्स लगता है। ऐसे में जीएसटी लागू होने पर इन वस्तुओं पर मात्र 26 प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा जिससे इनकी कीमतें कम हो सकती हैं।
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सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में उपभोक्त मूल्य सूचकांक की बास्केट में शामिल करीब ढाई दर्जन उत्पादों को जीएसटी की छह प्रतिशत वाले स्लैब में रखने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। अगर काउंसिल इस प्रस्ताव को मान लेती है तो खाने पीने की कई चीजों के दाम महंगे हो जाएंगे। जिन उत्पादों पर छह प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया उनमें चिकन, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, नारियल तेल, मूंगफली, काजू, हल्दी, धनिया, जीरा और बेसन सहित कई उत्पाद महंगे हो सकते हैं क्योंकि फिलहाल इन पर टैक्स छह प्रतिशत से कम है। दूसरी ओर घी, मक्खन, खजूर, किशमिश, मोमबत्ती ऑटो रिक्शा का किराया, चाय और करी पाउडर सस्ते हो सकते हैं क्योंकि इन पर फिलहाल टैक्स छह प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में ये उत्पाद छह प्रतिशत की स्लैब में आएंगे तो ये सस्ते हो सकते हैं।
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सूत्रों ने कहा कि फिलहाल किन उत्पादों पर कितना टैक्स लगेगा इसका अंतिम निर्णय नहीं हुआ है लेकिन शुरुआती विचार विमर्श कुछ उत्पादों के महंगे जबकि अन्य के सस्ते होने के संकेत मिले। अधिकारियों का तकनीकी दल विभिन्न उत्पादों पर लगने वाली दरें तय कर काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा जिसके आधार पर अगली बैठक में फैसला किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि जीएसटी की दरें तय करते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि इससे महंगाई न बढ़े। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि इससे सरकार के राजस्व मंे कोई कमी न आए।