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इस साल त्यौहारों पर खूब हुई खरीदारी, उपभोक्ता वर्ग ने दिल खोलकर किया खर्च

इस साल दीवाली के अवसर पर लोगों ने खूब जमकर खरीदारी की और बैंकों से जमकर कैश निकाला। दूसरी तरफ उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में भी तेजी देखी गई। जाहिर है कि देश के उपभोक्ता वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 09:16 AM (IST)
इस साल त्यौहारों पर खूब हुई खरीदारी, उपभोक्ता वर्ग ने दिल खोलकर किया खर्च

नई दिल्ली। इस साल दीवाली के अवसर पर लोगों ने खूब जमकर खरीदारी की और बैंकों से जमकर कैश निकाला। दूसरी तरफ उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में भी तेजी देखी गई। जाहिर है कि देश के उपभोक्ता वर्ग की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

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रिजर्व बैंक से मिले आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के पहले दो हफ्ते में कैश सर्कुलेशन में 66,070 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखी गई। यह कैलकुलेशन बैंकों से निकाले गए और बैंकों और आरबीआई के पास पड़े कैश को जोड़कर किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि पिछले साल की दीवाली के मुकाबले इस साल बैंकों के पास ढाई गुणा ज्यादा कैश आया। यही नहीं, इस साल नवंबर के पहले दो हफ्तों में जितना कैश बढ़ा है, वह अब तक का रिकॉर्ड है। इस साल तक कभी भी एक पखवाड़े में करेंसी और कैश सर्कुलेशन 47,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हुआ था।

2012 में दिवाली से पहले वाले पखवाड़े में सिस्टम में 47,000 करोड़ का कैश आया था। अप्रैल 2009 में पहली बार कैश सर्कुलेशन 10,000 करोड़ से ज्यादा रहा था। उस वक्त देश में महंगाई बड़ी समस्या बनी हुई थी। इस साल कैश और करेंसी सर्कुलेशन में तेज बढ़ोतरी के साथ कंज्यूमर गुड्स कंपनियों की सेल्स में भी अच्छी ग्रोथ देखी गई है। इसका मतलब यह है कि फेस्टिव सीजन में इस साल कंज्यूमर ने दिल खोलकर खर्च किया है। इससे आने वाले वक्त के लिए भी अच्छे संकेत मिल रहे हैं। इस साल फेस्टिव सीजन में स्मार्टफोन, फ्रिज, टीवी और किचेन इक्विपमेंट की सेल्स बढ़िया रही है।

एनालिस्टों का कहना है कि पे कमीशन की सिफारिशें लागू होने की उम्मीद के चलते शायद इस बार त्योहारों के दौरान कंज्यूमर्स ने खुलकर पैसा खर्च किया। कमीशन ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में 23.5 फीसद तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।

एक्सिस बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट सौगत भट्टाचार्य ने बताया, ‘दिवाली के पहले के हफ्तों में इस साल कैश ट्रांजैक्शन अप्रत्याशित तौर पर अधिक रहा है। शायद इसकी वजह पे कमीशन है। वहीं, फेस्टिव सीजन में बाजार में डिस्काउंट भी काफी ज्यादा था। शायद उससे भी सेल्स बढ़ी।’

इस साल ई-कॉमर्स कंपनियों को बिग सेल इवेंट्स पर शानदार रेस्पॉन्स मिला। हालांकि, उन्होंने इस साल ऑनलाइन एक्सक्लूसिव ब्रांड्स पर ही डिस्काउंट दिया। वहीं, पिछले साल ई-कॉमर्स कंपनियों ने ज्यादातर प्रॉडक्ट्स पर भारी छूट दी थी। यही नहीं, त्योहारों के दौरान फिजिकल रिटेल चेन की सेल्स भी बढ़िया रही। कहा जा रहा है कि कैश ऑन डिलीवरी सेगमेंट से ई-कॉमर्स कंपनियों को बाजार बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है।

एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने एक हालिया रिपोर्ट में लिखा था, ‘इस बार रियल वेज पिछले दो साल से अधिक रहेगी क्योंकि महंगाई दर में कमी आई है। इससे कंजम्पशन ग्रोथ को बढ़ावा मिल सकता है।’

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