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नियमों के उल्लंघन पर 13 सार्वजनिक और निजी बैंकों को 27 करोड़ रुपये का जुर्माना

फेमा और केवाईसी के नियमों का उल्लंघन करने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने 13 सार्वजनिक और निजी बैंकों पर कुल 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 10:55 PM (IST)
नियमों के उल्लंघन पर 13 सार्वजनिक और निजी बैंकों को 27 करोड़ रुपये का जुर्माना

मुंबई, प्रेट्र। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और केवाईसी (नो युअर कस्टमर) के नियमों के उल्लंघन पर भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी कार्रवाई की है। उसने प्रावधानों की अनदेखी के लिए 13 सार्वजनिक और निजी बैंकों पर कुल 27 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। इनमें पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं। भारतीय स्टेट बैंक और आइसीआइसीआइ बैंक समेत आठ बैंकों को दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों कुछ बैंकों ने स्टॉक एक्सचेंज को जुर्माने लगने की जानकारी दी थी।सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक में लेनदे संबंधी कुछ गड़बड़ी मिलने की जानकारी प्राप्त होने के बाद आरबीआइ ने पिछले साल अक्टूबर से नवंबर के बीच 21 बैंकों के एडवांस इंपोर्ट रिमिटेंस की जांच की थी। आरबीआइ ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि केवाईसी के मानकों पर दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए 13 बैंकों पर जुर्माना लगाया है।

आरबीआइ ने कहा कि आठ अन्य बैंकों को फेमा और केवाईसी संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समुचित व्यवस्था करने और समय-समय पर जांच करने को कहा गया है। हालांकि उसने स्पष्ट किया है कि नियामक संबंधी अनुपालन में गड़बड़ी के लिए यह कार्रवाई की गई है। बैंक और उसके ग्राहकों के बीच हुए समझौतों और लेनदेन की वैधता पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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रिजर्व बैंक द्वारा की गई 21 बैंकों की जांच में कथित गड़बडि़यों का पता चला। ये गड़बडि़यां खाता खोलने और उनकी निगरानी के दौरान बरती गईं। आरबीआइ ने केवाईसी के नियम और एंटी-मनी लांड्रिंग मानकों के अनुपालन के लिए सिस्टम को प्रभावशाली बनाने पर भी विचार किया है। जांच में पता चला है कि बैंकों में आंतरिक नियंत्रण प्रणाली और प्रबंधन स्तर की निगरानी कमजोर है। इसी वजह से गड़बडि़यां हुईं।

ग्राहकों की पहचान के लिए केवाईसी के नियमों की अनदेखी की गई। रिस्क केटागरी और ग्राहकों के धन के लेनदेन में फेमा संबंधी प्रावधानों का भी ध्यान नहीं रखा गया। जांच के निष्कर्षो के आधार पर आरबीआइ ने 21 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आरबीआइ ने कुछ उल्लंघनों को काफी गंभीर माना और इसमें संलिप्त बैंकों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया।

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जुर्माना इन बैंकों पर

बैंक ऑफ बड़ौदा (5 करोड़)पंजाब नेशनल बैंक (3 करोड़)सिंडीकेट बैंक (3 करोड़)यूको बैंक (2 करोड़)एचडीएफसी बैंक (2 करोड़)इलाहाबाद बैंक (2 करोड़)केनरा बैंक (2 करोड़)इंडसइंड बैंक (2 करोड़)एसबीबीजे (2 करोड़)बैंक ऑफ इंडिया (1 करोड़)कॉरपोरेशन बैंक (1 करोड़)आरबीएल बैंक (1 करोड़)स्टेट बैंक ऑफ महाराष्ट्र (1 करोड़)


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